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Delhi: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती, कैशबैक को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की संवैधानिक वैधता को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता आकाश गोयल ने कहा है कि उक्त योजना के ग्राहकों को प्रति एलपीजी सिलेंडर पर दो सौ रुपए का कैशबैक दिया जाता है जबकि यह बीपीएल परिवारों को नहीं दिया जा रहा है।

By Vineet TripathiEdited By: Abhi MalviyaPublished: Wed, 18 Jan 2023 11:17 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2023 11:17 PM (IST)
Delhi: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती, कैशबैक को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीपीएल परिवारों को नहीं मिल रहा लाभ।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की संवैधानिक वैधता को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता आकाश गोयल ने कहा है कि उक्त योजना के ग्राहकों को प्रति एलपीजी सिलेंडर पर दो सौ रुपए का कैशबैक दिया जाता है, जबकि यह लाभ अन्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीपीएल परिवारों को नहीं दिया जा रहा है।

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बुधवार को याचिका मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष आई और अदालत ने इसे 13 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

याचिकाकर्ता ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि पीएमयूवाई योजना को एक मई 2016 को शुरू किया गया था और इससे बीपीएल परिवारों को गैस सिलेंडर बेचने वाले एजेंसी के पास बिना राशि का भुगतान किए गैस सिलेंडर मिल सके।इस योजना के तहत तीन साल में 50 लाख परिवारों को गैस कनेक्शन दिया जाना था।

याचिकाकर्ता ने किया अनुरोध

आकाश गोयल ने अदालत से अनुरोध कि वह सरकार से उन बीपीएल परिवारों की पहचान करने को कहे जो पीएमयूवाई के तहत नहीं आते हैं। साथ ही दो सौ रुपए के कैशबैक का लाभ देने का निर्देश देने की मांग की है।

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