दिल्ली-NCR के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरे मेल को लेकर बड़ा खुलासा, जांच एजेंसी को गुमराह करने के लिए किया था ये काम
करीब दो हफ्ता पहले दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरा मेल भेजकर केंद्र सरकार व पुलिस प्रशासन समेत अभिभावकों में दहशत फैलाने के मामले में रूस की जांच एजेंसी ने दिल्ली पुलिस को अब तक मेल के आईपी पते के बारे में कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई है। आईपी पते की जानकारी न मिल पाने पर दिल्ली पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। करीब दो हफ्ता पहले दिल्ली-एनसीआर के 178 पब्लिक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरा मेल भेजकर केंद्र सरकार व पुलिस प्रशासन समेत अभिभावकों में दहशत फैलाने के मामले में रूस की जांच एजेंसी ने दिल्ली पुलिस को अब तक मेल के आईपी पते के बारे में कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई है।
आईपी पते की जानकारी न मिल पाने पर दिल्ली पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। माना जा रहा है कि रूसी एजेंसी को भी आईपी पते के बारे में पता नहीं चल पाने के कारण दिल्ली पुलिस को जानकारी मुहैया नहीं कराई जा रही है।
ईमेल आईडी को देखते हुए जांच एजेंसी ने रूस से मेल आने का शक जाहिर करते हुए वहां की निजी ईमेल सेवा प्रदाता कंपनी मेल डाट आरयू (Mail.ru) को सीबीआइ की इंटरपोल के जरिए मेल भेजकर आईपी एड्रेस के बारे में जानकारी मांगी थी। यह रूसी कंपनी वीके द्वारा प्रदान की जाने वाली ईमेल सेवा है। साथ ही उसका डोमेन (.ru) भी इसी कंपनी का है।
मेल डॉट आरयू से जवाब मिलने के बाद ही दिल्ली पुलिस की जांच आगे बढ़ पाएगी। 11 दिन बाद भी आईपी पता नहीं लगने पर माना जा रहा है इस कंपनी का मेल बनाने वाले ने आईपी एड्रेस की पहचान छिपाने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग किया था। हो सकता है कि यह इसमें किसी भारतीय का हाथ हो। यहीं से उसने जांच एजेंसी को गुमराह करने के मकसद से मेल में वीपीएन का इस्तेमाल कर मेल डाट आरयू से मेल भेजा गया हो ताकि उसका पता न लग पाए।
पुलिस ने रूस की एजेंसी के अलावा निजी ईमेल सेवा प्रदाता (.ru) से भी जानकारी मांगी थी लेकिन कहीं से जानकारी नहीं मिल पाई है। पुलिस को शक है कि हो सकता है कि मेल भेजने में चीन अथवा पाकिस्तान का भी हाथ हो। क्योंकि इन देशों से पाकिस्तान के अच्छे रिश्ते नहीं हैं। भारत से रूस के बेहतर रिश्ते हैं ऐसे में दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब करने की पाकिस्तान व चीन की मंशा रही हो।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा का कहना है कि मेल भेजने में वीपीएन का इस्तेमाल करने के कारण आरोपित तक पहुंचने में वक्त लग सकता है। इंटरपोल व केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से स्पेशल सेल की टीम जांच में जुटी हुई है।
इंटरपोल के जरिये दिल्ली पुलिस ने मेल भेजने वाले का नाम, पता, संपर्क विवरण, वैकल्पिक ईमेल आईडी और संपूर्ण आईडी लाग व आईपी एड्रेस की जानकारी रूस की एजेंसी राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) से जानकारी मांगी गई है।
ज्ञात रहे एक मई को सुबह से दोपहर तक एक के बाद करीब 178 नामी व अन्य स्कूलों को मेल भेजने के मामले ने गृह मंत्रालय की भी नींद उड़ाकर रख दी थी। गृह सचिव अजय भल्ला ने सुबह ही पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को मंत्रालय तलब कर घटना के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की थी। इस मामले की जांच में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस को लगाया गया। एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में एसीपी ललित मोहन नेगी व हृदय भूषण की टीम इसकी जांच में जुटी है।
दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को जिस मेल के जरिये धमकी आइ थी उसी मेल से अहमदाबाद के छह स्कूलों को भी छह मई को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। इस पर गुजरात पुलिस ने दावा किया है कि मेल पाकिस्तान से आया था। दिल्ली पुलिस उस दावे पर यकीन नहीं कर रही है।