दिल्ली के चांदनी महल इलाके में बड़ा हादसा: जर्जर इमारत की छत गिरी, 6 लोग दबे; मां-बेटे की मौत
Delhi House Collapse दिल्ली के चांदनी महल इलाके में आज यानी मंगलवार को 100 साल पुरानी इमारत की छत गिर गई। इस हादसे में मां रुखसार और बच्चा आलियान की मौत हो गई। वहीं एक बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पुरानी दिल्ली के भीड़ भाड़ वाले इलाके में आए दिन पुरानी जर्जर इमारतों के गिरने से हादसे होते रहते हैं। इमारतों के गिरने से लोगों को जानमाल का नुकसान होता है लेकिन सिविक एजेंसी दिल्ली नगर निगम कोई ऐसा ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है जिससे हादसे रुक पाए।
ताजा मामले में चांदनी महल थानाक्षेत्र के चितली कब्र इलाके में मंगलवार तड़के सौ वर्ष पुराने जर्जर मकान की छत गिरने से घर के अंदर सो रहे छह लोग दब गए। हादसे में मां-बेटे रूखसार व आलियान कुरैशी की मौत हो गई जबकि रूखसार के चार अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल बच्चों का लोक नायक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
हादसे के वक्त सो रहा था परिवार
जानकारी के मुताबिक, मलबे में दबकर रुखसार (30) व उनके बेटे आलियान (3) की मौत हो गई। एक बच्चे की हालत गंभीर है। रुखसार बच्चों को लेकर मायके आई हुई थी। जिस कमरे में वह बच्चों के साथ सो रही थी उसकी छत उन पर गिर गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, एक घर की छत गिरने की सूचना सुबह 4.45 बजे मिली, जिसके बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी। अन्य चार घायल बच्चों को इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मामले को लेकर पुलिस ने क्या कहा?
मध्य जिला पुलिस अधिकारी का कहना है कि पड़ोस के एक जर्जर मकान का कुछ हिस्सा पीड़ित के मकान की छत पर गिरने से यह हादसा हुआ है, लिहाजा पड़ोस के मकान मालिक के खिलाफ चांदनी महल थाना पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। 30 वर्षीय रूखसार व उसके तीन वर्षीय बेटे आलियान कुरैशी के शव का पोस्टमार्टम करवा स्वजन को सौंप दिया गया है। घायल बच्चों में दो जुड़वा नवजात की उम्र 8-8 दिन है। तीसरे बच्चे अब्दुल रहमान की उम्र आठ वर्ष व चौथे अब्दुल सुभान की उम्र पांच वर्ष है। दोनों नवजात को आइसीयू में रखा गया है।
जानकारी के मुताबिक रूखसार जयपुर में पति व बच्चों के साथ रहती थी। गर्भ में जुड़वा बच्चा रहने पर जयपुर में डाक्टरों ने उसका डिलीवरी कराने से इन्कार कर दिया था। उसे दिल्ली में जाकर डिलीवरी कराने की सलाह दी थी जिससे कुछ हफ्ते पहले ही वह बच्चों को लेकर मायके आई थी। यहां चितली कब्र में उसके माता-पिता किराए पर रहते हैं। गनीमत थी कि एक दिन पहले रूखसार की मां किसी शादी समारोह में भाग लेने अमरोहा चली गई थी। घटना के दौरान बगल के कमरे में रूखसार के पित अफजाल भी सोए थे। वह बाल-बाल बच गए।
100 वर्ष पुराने है अधिकतर मकान
चितली कब्र के इलाके में भीड़ भाड़ वाले इलाके में जिस जर्जर मकान की छत गिरी वहां अधिकतर मकान सौ वर्ष पुराने हैं व बेहद जर्जर हालत में है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अधिकतर मकान मालिकों को निगम द्वारा मकान खाली करने के कई बार नोटिस दिए गए। निगम या तो नोटिस भेजकर अपनी आगे की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया अथवा मकान मालिकों से लेनदेन कर अपनी आंखें मूंद लिया। जिससे इस तरह की घटना घटी।
जिस मकान की छत गिरी वहां 50-50 गज में भूतल पर 10-15 कमरे बने हैं। सभी मकान की दीवारों पर मोटी-मोटी लकड़ियों के बीम के सहारे पत्थरों के टुकड़े रखकर छत बना दिया गया है। मकान मालिक खुद परिवार के साथ नोएडा में रहता है। यहां उसने सभी मकान किराए पर उठा रखा है। सभी घरों में लंबे समय से किराएदार रहते हैं। सभी से वह अलग-अलग किराए वसूलते रहता है।
जर्जर मकानों की मरम्मत कराने के लिए किराएदारों ने कई बार मकान मालिक से गुहार लगाए लेकिन आरोप है कि वह इसलिए मरम्मत कराने की अनुमति नहीं देता है ताकि मरम्मत करने के बाद कोई किराएदार उनका घर कब्जा न कर लें। मरम्मत कराने का अनुरोध करने पर मकान मालिक किराएदारों को मकान खाली करा देने की धमकी देता था।
घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे चांदनी महल के आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद आले मोहम्मद इकबाल ने पीड़ित परिवार को सरकार से आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही विधायक व पार्षद निधि से भी सहायता करने का आश्वासन दिया।