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Delhi: अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले दो कॉल सेंटर का भंडाफोड़, दो महिलाओं समेत सात आरोपी गिरफ्तार

द्वारका सेक्टर-23 थाना पुलिस ने द्वारका सेक्टर-19 में चल रहे दो कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर दो महिलाओं समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान रेहान उर्फ बेन आशीष नेगी उर्फ मार्क ठाकुर उदय गिल उर्फ एरिक प्रदीप कुमार उर्फ डेन निखिल गुप्ता उर्फ निक प्रभजीत उर्फ स्टेला नंदनी अंबष्ठ उर्फ लिंडा के रूप में हुई है।

By Sonu Rana Edited By: Geetarjun Published: Sat, 18 May 2024 11:40 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2024 11:40 PM (IST)
अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले दो कॉल सेंटर का भंडाफोड़ (प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका सेक्टर-23 थाना पुलिस ने द्वारका सेक्टर-19 में चल रहे दो कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर दो महिलाओं समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान रेहान उर्फ बेन, आशीष नेगी उर्फ मार्क, ठाकुर उदय गिल उर्फ एरिक, प्रदीप कुमार उर्फ डेन, निखिल गुप्ता उर्फ निक, प्रभजीत उर्फ स्टेला, नंदनी अंबष्ठ उर्फ लिंडा के रूप में हुई है।

आरोपितों के पास से 15 मोबाइल, 11 लैपटॉप बरामद किए गए हैं। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपित अब तक कितने लोगों से कितने की ठगी कर चुके थे।

द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि द्वारका सेक्टर 19 में कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी लोगों से धोखाधड़ी की जा रही है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो वहां पर दो महिलाओं समेत सात लोग काम करते हुए पाए गए। ये लोग खुद को माइक्रोसॉफ्ट का अधिकारी बताते थे और अपने सहयोगियों द्वारा पैदा की गई कथित समस्या को हल करने के बहाने अमेरिका के लोगों को ठग रहे थे।

वह एक उच्च स्तरीय सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर अमेरिकी नंबर से उन्हें कॉल करते थे। पुलिस से बचने के लिए आरोपितों ने लैपटॉप में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क भी इंस्टाल कर रखा था, ताकि उनके आईपी एड्रेस ट्रेस न किया जा सके। उनके पास से बरामद किए गए लैपटॉप की जांच करने पर पता चला कि सभी लैपटॉप में पीड़ितों के मोबाइल नंबर, उनकी ईमेल आईडी और उनसे लिए गए पैसे का ब्योरा था।

लैपटॉप में कॉल पर हुई बातचीत भी रिकॉर्ड होती है। इनमें से एक लैपटॉप में विदेशी नागरिकों को धोखा देने के उनके अवैध संचालन के बारे में लगातार चैट चल रही थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी निशानदेही पर एक घर में चलते पाए गए कॉल सेंटर का भी पता लगाया गया।

आरोपित रेहान 12वीं पास है। जब वह प्राइवेट नौकरी कर रहा था, तब उसे पता चला कि सिद्धार्थ फर्जी कॉल सेंटर चला रहा है।इसके बाद सिद्घार्थ ने उसे सबकुछ सिखाया। इसके बाद उन्होंने छह महीने पहले द्वारका सेक्टर-19 में कॉल सेंटर खोला व लोगों को काम पर रखा और ठगी करना शुरू कर दिया।

पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि यह कॉल सेंटर अविनाश उर्फ सिद्धार्थ, मनु, कुणाल और हैरी द्वारा चलाया जा रहा है।पुलिस उनका पता लगाने के लिए छापेमारी कर रही है।


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