Corona में बदमाश ने निकाला ठगने का नया आइडिया, अकाउंट में डालो आठ लाख नकद लो नौ लाख
सोनीपत के खरखौदा निवासी अनूज और पानीपत निवासी विक्रम को पुलिस ने उसी अंदाज में पकड़ा जैसे ये व्यापारियों को फांसते थे।
नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। बैंक खाते में आठ लाख ट्रांसफर के बदले 9 लाख रुपये नकद का झांसा देकर व्यापारियों को ठगने वाले दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सोनीपत के खरखौदा निवासी अनूज और पानीपत निवासी विक्रम को पुलिस ने उसी अंदाज में पकड़ा, जैसे ये व्यापारियों को फांसते थे। दोनों को अदालत में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है। इनके खिलाफ वेस्ट पटेल नगर निवासी योगेश बंसल ने पटेल नगर थाना में शिकायत दी थी।
योगेश बंसल ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनके एक मित्र मुकेश गुप्ता ने उनको बताया कि पटेल नगर में करन नाम का एक प्रॉपर्टी डीलर है। करन ने उनसे कहा उसके जानने वाले दो लोगों को एक प्रॉपर्टी का सौदा करने के लिए आठ लाख रुपये सफेद धन की जरूरत है। अगर उनके खाते में आठ लाख रुपये देंगे तो वे बदले में 9 लाख रुपये नकद देंगे। बंसल की शिकायत के मुताबिक मुकेश की बात से वे राजी हो गए।
विगत 21 जून को उन्होंने अपने मित्र मुकेश और प्रॉपर्टी डीलर करन के जरिये पटेल नगर मेट्रो स्टेशन के नजदीक अनूज से मुलाकात की। अनूज ने कहा कि आठ लाख बैंक में आते ही 9 लाख रुपये नकद वह दे देगा। दोनों पक्षों में सौदा हो गया। एक जुलाई को अनूज ने मुकेश को फोन कर बोला कि उसका छोटा भाई शादीपुर फ्लाइओवर के पास पैसा देने आ रहा है। इस पर मुकेश बताई जगह पर पहुंचे और वहां तीन युवक एक होंडा सिटी कार में आए।
एक युवक ने खुद को नाम विक्रम बताया और कहा कि वह अनूज का छोटा भाई है। विक्रम ने कार में बैठाकर मुकेश को साढ़े आठ लाख रुपये दिए और बोला कि पचास हजार डिग्गी में पड़े हैं, खाते में पैसा ट्रांसफर करा दो तो बकाया रकम दे देगा। मुकेश ने योगेश बंसल को पैसा मिलने की हामी भरी तो उन्होंने दो अलग-अलग खातों से विक्रम द्वारा बताए गए बैंक खाते में आठ लाख रुपये डाल दिए।
इसके बाद विक्रम मुकेश को पचास हजार रुपये देने की बात कहकर गाड़ी से बाहर लाया। मुकेश साढ़े आठ लाख रुपये विक्रम के कहने पर गाड़ी में ही छोड़कर बाहर आ गए। विक्रम ने डिग्गी खोलने का नाटक किया और अचानक से मुकेश को धक्का देकर फरार गाड़ी भगाकर फरार हो गया।
मध्य जिला डीसीपी संजय भाटिया के मुताबिक योगेश बंसल की शिकायत पर कार्रवाई करने करने के लिए टीम बनाई गई। पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर करन को विश्वास में लिया और अनूज को बुलाने के लिए कहा। करन ने पुलिस की बात मानकर अनूज को फोन किया और बोला कि एक व्यापारी है, जो आठ लाख रुपये बैंक खाते में देने को तैयार है। अनूज जाल में फंस गया और 9 सितंबर को करन के बताए पते पर जैसे ही पहुंचा तो पहले से इंतजार में बैठी पटेल नगर थाना की टीम ने उसे दबोच लिया। उसके साथ विक्रम भी था और दोनों वरना गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर पहुंचे थे।
गाड़ी की तलाशी लेने पर उसके डैश बोर्ड सात लाख 99 हजार रुपये भी मिले, जिनके दम पर वह अगला शिकार करने की सोचकर आए थे। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि कोरोना महामारी में उन्हें इस तरह के अपराध का आइडिया आया था।
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