Delhi News: फर्जी दस्तावेज पर कोर्ट से ली जमानत, जमानती को नोटिस पहुंचा तो उड़े होश
दिल्ली की एक अदालत से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां आरोपित ने फर्जी दस्तावेज पर कोर्ट से जमानत ले ली। इसके बाद जब जमानती को नोटिस पहुंचा तो होश उड़ गए। शातिर ने जमानती के फर्जी दस्तावेज व उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति को कोर्ट में पेश कर जमानत ली थी। शिकायत पर केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। साकेत कोर्ट में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक आरोपित ने कोर्ट में फर्जी दस्तावेज व जमानती पेश कर जमानत ले ली। आरोपित के पेश न होने पर उसके जमानती को कोर्ट बुलाया गया तो पूरे फर्जीवाड़े का पता चला। शातिर ने जमानती के फर्जी दस्तावेज व उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति को कोर्ट में पेश कर जमानत ली थी।
साकेत अदालत की पोक्सो कोर्ट ने राम उर्फ विक्की नाम के आरोपित के खिलाफ 29 फरवरी को गैर जमानती वारंट जारी किया था। राम के खिलाफ वर्ष 2018 में अंबेडकर नगर थाने में केस दर्ज किया गया था। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आरोपित बार बार नोटिस जारी होने पर पेश नहीं हो रहा था। इसी के चलते उसके वारंट जारी किए गए।
इसके साथ ही कोर्ट ने उसके जमानती इंद्रजीत को भी नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। जब इंद्रजीत के पास कोर्ट का नोटिस पहुंचा तो उसके होश उड़ गए। वह संबंधित कोर्ट में पेश हुआ। इंद्रजीत ने कोर्ट बताया कि वह किसी राम उर्फ विक्की नाम के आरोपित को नहीं जानता है।
आरोपित ने जमानत मुचलके पर लिखा पीड़ित का नाम व पता
कोर्ट के रिकार्ड में आरोपित राम उर्फ विक्की ने इंद्रजीत का आधार कार्ड, बाइक की आरसी सहित अन्य दस्तावेज दिए थे। इंद्रजीत ने कोर्ट में बताया कि वह परदाबाग दरियागंज का रहने वाला है। रिकार्ड की जांच की गई तो इंद्रजीत का नाम और पता वही था, जो आरोपित की ओर से पेश जमानत मुचलके में था। इंद्रजीत ने कहा कि उसने किसी भी व्यक्ति की कोई जमानत नहीं दी है और वह राम उर्फ विक्की को भी नहीं जानता है।
आधार कार्ड का नंबर और फोटो अलग मिला
इंद्रजीत की बात सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत पर दिए गए दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। इंद्रजीत से उनका आधार कार्ड लिया गया। आरोपित राम ने छह जनवरी 2022 को जमानत मुचलका कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने आरोपित द्वारा पेश किए गए आधार कार्ड और इंद्रजीत के आधार कार्ड का मिलान किया। इसमें पता तो सही था, लेकिन फोटो व आधार नंबर अलग थे।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
आरोपित ने जमानत के सत्यापन के समय एक बिजली बिल की कापी और एक बाइक की आरसी भी पेश की गई थी। इंद्रजीत ने कोर्ट में बताया कि आरसी की कापी उसकी बाइक की है। उसने इस बाइक को अपने पड़ोसी सचिन बत्रा को बेचा है।
जब उन्होंने वाहन को सचिन बत्रा के नाम पर स्थानांतरित करने का प्रयास किया था, तो उन्हें पता चला कि वाहन को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता था। चूंकि यह किसी आपराधिक मामले में सुपरदारी में रखी गई थी। तब पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। उन्हें पता चला किसी ने उनकी बाइक की आरसी का दुरुपयोग किया है।
जमानत लेने के लिए दस्तावेजों का हुआ दुरुपयोग- कोर्ट
इस मामले में कोर्ट ने भी माना कि सभी तथ्यों और परिस्थितियों से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने वाहन की आरसी को जमानती के तौर पर पेश कर उसका दुरुपयोग किया।
आरोपित राम उर्फ विक्की का जमानती बनने के लिए फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल कर जमानत मुचलके में गलत जानकारी दी गई। जिस व्यक्ति की फोटो जमानत बांड पर है, प्रथम दृष्टया उसको इंद्रजीत सिंह के रूप में दिखाकर कोर्ट को धोखा दिया गया। साकेत थाना पुलिस ने कोर्ट के रीडर की शिकायत पर केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।