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Coronavirus News Update: कोरोना के इस दौर में जानलेवा साबित हो सकती है ये गलती

Coronavirus News Update एम्स के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि यदि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ेंगे तो मौत भी बढ़ेगी इसलिए जरूरी है कि घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनें।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 01:46 PM (IST)
Coronavirus News Update: कोरोना के इस दौर में जानलेवा साबित हो सकती है ये गलती
दिल्ली में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Coronavirus News Update: बीमार होने पर इन दिनों दुकानों से खुद दुकान से दवा लेकर खाना सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह भी देखा जा रहा है कि कोरोना से पीड़ित लोग अस्पतालों में इलाज के लिए गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं। इस वजह से मौत के मामले थोड़े बढ़ गए हैं, इसलिए डॉक्टर कहते हैं कि कोरोना होने पर घबराएं नहीं, समय पर इलाज कराएं। इसके अलावा जो लोग स्वस्थ हैं वे कोरोना से बचाव के लिए नियमों का ठीक से पालन करते रहें। यदि बचाव के नियमों का ठीक से पालन करें तो कोरोना ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा।

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एम्स के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि यदि मामले बढ़ेंगे तो मौत भी बढ़ेगी, इसलिए जरूरी है कि घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनें। यदि बीमारी है तो उसे छिपाएं नहीं। अपनी मर्जी से दवा न खाएं। डॉक्टर को दिखाएं। होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग खूब पानी पिएं ताकि शरीर का हाइड्रेशन ठीक रहे। ज्यादा बुखार व सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत अस्पताल जाएं। पल्स ऑक्सी मीटर से शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की जांच करते रहें।

लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि गंभीर हालत में मरीज इलाज के लिए अधिक पहुंच रहे हैं। इस वजह से इन दिनों मौत के मामले थोड़े बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में भी कई लोग मास्क नहीं लगाते। शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन नहीं कर रहे। यह लापरवाही ठीक नहीं है। कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर घबराने की जरूरत नहीं है। घबराने से समस्या बढ़ सकती है। बीमारी के लक्षण नहीं होने या हल्के लक्षण होने पर खुद को घर में आइसोलेट करें। इस दौरान परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रहें। कोरोना होने पर शुगर, ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल, डी-डाइमर इत्यादि अन्य जांच भी जरूरी है। होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को अधिक बुखार, ऑक्सीजन का मात्रा 94 फीसद से कम या छाती में भारीपन महसूस होने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि समय पर इलाज नहीं होने से कई मरीजों में रक्त थक्का होने की समस्या होती है। जो कोरोना मरीजों में हार्ट अटैक का कारण बनती है। इसलिए समय पर इलाज जरूरी है। रक्त थक्का होने का पता लगाने के लिए डी-डाइमर जांच की जाती है। ब्लड से सैंपल लेकर यह जांच कराई जाती है। लेकिन यह जांच महंगी है। इसलिए सीआरपी (सी-रिएक्टिव प्रोटीन) जांच कराई जा सकती है। इससे कोरोना के कारण शरीर में होने वाले इंफ्लामेशन (सूजन) के बारे में पता चल पाता है। यह जांच सस्ती है। 

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