हरियाणा में जीवित है विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता, आज भी चलन में हैं कई चीजें
चार हजार ईसा पूर्व सरस्वती नदी सूख गई थी, लेनिक इसके किनारे बसी सभ्यता के चिन्ह आज भी जिंदा हैं।
गुरुग्राम [पूनम]। आज हरियाणा बदल चुका है। यहां हर ओर समृद्धि एवं विकास का संगम नजर आता है। बदले हुए हरियाणा को देखकर इसे नया कहना गलत होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि शोध बताते हैं कि यह पांच हजार साल से ज्यादा पुरानी विरासत है। हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेषों पर किए गए शोध से पता चलता है कि रोम, मेसोपोटामिया, इजिप्ट, चीन और ग्रीस सभ्यता से ज्यादा समृद्ध और बड़ी रही सिंधु सरस्वती सभ्यता का केंद्र हरियाणा था।
आज भी चलन में हैं कई चीजें
सबसे अहम बात यह है कि विश्व के अन्य देशों की पांच हजार ईसा पूर्व की सभ्यताएं जहां लुप्त हो चुकी हैं। वहीं, हड़प्पा कालीन सिंधु सरस्वती सभ्यता आज भी अस्तित्व में है। हरियाणा की जीवन शैली में इस सभ्यता से जुड़ी चीजें आज भी चलन में हैं। इसमें बर्तन, चित्रकारी, श्रृंगार से जुड़ी चीजें शामिल हैं।
म्यूजियम बनाने की सिफारिश
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) के हरियाणा ने आर्कियोलॉजिकल हिस्टोरियन और म्यूजियम स्पेशलिस्ट सुरभि गुप्ता के इस अध्ययन पर राखीगढ़ी के पास एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बनाने की सिफारिश की है। इस अध्ययन में कई शोध कार्यों का सहारा लेते हुए उन जगहों और चीजों को चिन्हित किया है जो हरियाणा के विभिन्न जगहों पर मिले हैं।
अवशेषों और आज की जीवन शैली की तुलना
INTACH के इस अध्ययन के अनुसार हरियाणा में 1840 जगहों पर सिंधु सरस्वती सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं। सिंधु सरस्वती सभ्यता के इन अवशेषों में सुनियोजित महानगरीय योजना, बर्तनों पर चित्रकारी, विज्ञान और तकनीक के प्रयोग की बात सामने आई हैं। अध्ययन में सुरभि ने अवशेषों और आज की जीवन शैली की तुलना भी प्रस्तुत की है कि किस तरह आज के जीवन में उस समय की चीजों का उसी तरह प्रयोग हो रहा है। चाहे नगरीय संरचना हो या जीवन शैली में शुमार कोई चीज। योग, शिवलिंग की पूजा या फिर दीवारों पर स्वस्तिक के चिन्ह का प्रयोग।
कई शोधकर्ताओं के शोध की सहायता
सुरभि कहती हैं कि 'मैंने यह शोध अकेले नहीं किया। कई शोधकर्ताओं के शोध की सहायता ली है। विश्व की सबसे पुरानी सिंधु सरस्वती सभ्यता के सर्वाधिक अवशेष हरियाणा में हैं। इतिहासकार यह मानते हैं कि चार हजार ईसा पूर्व सरस्वती नदी सूख गई थी, लेनिक इसके किनारे बसी सभ्यता के चिन्ह सबसे ज्यादा मिले हैं।'
1840 जगह पर सिंधु सरस्वती सभ्यता के अवशेष मिले
सुरभि ने कहा 'हमें इस बात का दुख नहीं होना चाहिए कि हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के पुरातात्विक अवशेष पाकिस्तान में हैं। हरियाणा में 1840 जगह पर सिंधु सरस्वती सभ्यता के अवशेष मिले हैं। यह विश्व की सबसे गौरवशाली, समृद्ध सभ्यता थी। इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम बनाए जाने की जरूरत है क्योंकि उस सभ्यता के जो चिन्ह हैं वे आज भी हमारे बीच हैं। यह विश्व की एकमात्र जीवित सभ्यता है।
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