Move to Jagran APP

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- सवाल जज की ईमानदारी का नहीं, दूसरे पक्ष की आशंका का है

मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरण करने के निर्णय को चुनौती देने वाली दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका को निरस्त करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सवाल न्यायाधीश की ईमानदारी की नहीं है

By Vineet TripathiEdited By: Sonu GuptaPublished: Sat, 01 Oct 2022 10:59 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 10:59 PM (IST)
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने किया निरस्त। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरण करने के निर्णय को चुनौती देने वाली दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका को निरस्त करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सवाल न्यायाधीश की ईमानदारी की नहीं है, बल्कि दूसरे पक्ष (प्रवर्तन निदेशालय) के मन में उत्पन्न आशंका का है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने कहा कि तथ्यों से पता चलता है कि ईडी ने पूर्वाग्रह की आशंका को बरकरार रखा है, ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि जांच एजेंसी की आशंका कमजोर या तर्कसंगत नहीं है।

loksabha election banner

स्वतंत्र चिकित्सा मूल्यांकन के लिए किए जा रहे थे अनुरोध

अदातल ने कहा कि कुछ परिस्थितियों के मद्देनजर ईडी को आशंका थी कि उचित न्याय नहीं हो सकता है और एजेंसी की राय थी कि इस तरह की आशंका न्यायाधीश के बजाए एक किसी पक्षकार के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि एजेंसी ने यह आशंका देरी से नहीं उठाई क्योंकि एक स्वतंत्र चिकित्सा मूल्यांकन के लिए अनुरोध लगातार किए जा रहे थे।

जैन ने दी थी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्णय को चुनौती

अदालत ने माना कि जिला न्यायाधीश ने मामले को स्थानांतरित करते समय इन सभी पहलुओं पर विचार किया है। ऐसे में न तो प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश का निर्णय अवैध है और न ही इसमें किसी तरह के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। जैन ने 23 सितंबर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता के निर्णय को चुनौती दी है। अदालत ने मनी लांड्रिंग व जमानत से जुड़े जैन के मामले को विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत से विशेष न्यायाधीश विकास ढुल की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। जैन ने दलील दी थी कि ईडी देश पर राज कर रही है और ऐसे में न्यायपालिका को एक न्यायाधीश की रक्षा के लिए खड़ा होना पड़ता है।

दोनों पक्ष के वकीलों ने रखी दलीलें

जैन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि यह उचित समय है कि न्यायपालिका खड़ी हो और कहे कि इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। वहीं, ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि शुरूआत में पक्षपात की बात एजेंसी के दिमाग में नहीं थी, लेकिन बाद में कुछ ऐसा हुआ, जिसके कारण आशंका पैदा हुई। उन्होंने कहा कि जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं क्योंकि उनके पास स्वास्थ्य व जेल का मंत्रालय रहा है।

जून से तिहाड़ जेल में बंद हैं जैन

मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया था। ईडी रिमांड समाप्त होने के बाद जैन को 13 जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।तब से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।

यह भी पढ़ें- पूर्वानुमान के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में लगाए जाएंगे GRAP के प्रतिबंध

यह भी पढ़ें- स्वच्छ गंगा मिशन के तहत उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड और बंगाल में 1,145 करोड़ की 14 परियोजनाओं को मंजूरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.