गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा मामले पर कानून के तहत करें कार्रवाई : हाई कोर्ट
मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने उक्त निर्देश हिंसा मामले में गिरफ्तार लोगों को रिहा करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया।पीठ ने इस दौरान टिप्पणी की कि यह जनहित याचिका न होकर पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लेटिगेशन है।
नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा मामले की जांच को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार व पुलिस को कानून के हिसाब से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने उक्त निर्देश हिंसा मामले में गिरफ्तार लोगों को रिहा करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया। पीठ ने इस दौरान टिप्पणी की कि यह जनहित याचिका न होकर पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लेटिगेशन है।
एक विधि छात्र हरमन प्रीत ने याचिका दायर कर कहा था कि पुलिस द्वारा गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बार्डर से गिरफ्तार किए गए आरोपितों के बारे में उनके परिजनों को सूचित नहीं किया गया है। हरमन की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता अशिमा मंडला ने पीठ को बताया कि मामले में अब तक 44 एफआइआर दर्ज की गई और 120 लोगों को हिरासत में लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया गया है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बगैर ही लोगों को हिरासत में लिया गया है और अब तक कोई प्राथमिकी भी नहीं दर्ज की गई है।
याचिका में 15 लोगों का नाम भी दिया है जो 26 जनवरी या घटना के बाद से लापता हैं। इतना ही नहीं गिरफ्तार लोगों को 24 घंटे के भीतर संबंधित अदालत में पेश भी नहीं किया गया। उन्होंने कहा है कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किसी को 24 घंटे से ज्यादा समय हिरासत में रखा जाना भी गैर कानूनी है।
इसलिए उन लोगों को रिहा करने का आदेश दिया जाए। 26 जनवरी को कानून के विरोध में हजारों लोगों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकाला और इस दौरान दिल्ली में घुसे हजारों लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया। इसमें करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हुए। वहीं, लालकिले में सरकारी संपत्ति का नुकसान किया गया।
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