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जानें, समान नागरिक संहिता पर क्या है स्वराज अभियान का रुख

स्वराज अभियान का कहना है कि एक उदार, लोकतांत्रिक और सभ्य समाज में शादी, तलाक और संपत्ति जैसे मूलभूत विषयों से जुड़े कानून सिर्फ धर्म के आधार पर अलग-अलग नागरिकों के लिए अलग नहीं हो सकते।

By Amit MishraEdited By: Published: Fri, 14 Oct 2016 07:25 PM (IST)Updated: Sat, 15 Oct 2016 09:56 AM (IST)
जानें, समान नागरिक संहिता पर क्या है स्वराज अभियान का रुख

नई दिल्ली [जेएनएन] तीन तलाक के बहाने समान नागरिक संहिता का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। इस बीच योगेंद्र यादव के स्वराज अभियान ने इसका समर्थन किया है। स्वराज अभियान की तरफ से कहा गया है कि सरकार के साथ-साथ विपक्ष और सभी समुदायों के नताओं से इस पर सहमति बनाने के लिए चर्चा करनी चाहिए। स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए चर्चा की वकालत की है।

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स्वराज अभियान की तरफ से कहा गया है कि संविधान के नीति निदेशक तत्वों में भारत के सभी नागरिकों के लिए 'यूनिफॉर्म' सेक्युलर पर्सनल लॉ की इच्छा जताई गई है। यह विचार धर्मनिरपेक्षता के भारतीय आदर्शों के अनुरूप है जो संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए राज्य को धार्मिक मामलों में दखल की इजाजत देता है।

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स्वराज अभियान का कहना है कि एक उदार, लोकतांत्रिक और सभ्य समाज में शादी, तलाक और संपत्ति जैसे मूलभूत विषयों से जुड़े कानून सिर्फ धर्म के आधार पर अलग-अलग नागरिकों के लिए अलग नहीं हो सकते।

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शुक्रवार को सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तीन तलाक पर विरोध को राजनीति ने प्रेरित बताया है। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर उन्होंने कहा, कुछ लोग समाज को भ्रमित कर रहे हैं।

बोर्ड ने पीएम मोदी सरकार पर लगाए थे आरोप

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि 'वह यूनिफार्म सिविल कोड लाकर देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रिपल तलाक पर सरकार का विरोध गलत है।


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