स्वदेशी जागरण मंच ने बताया, आखिर कैसे खत्म हो सकता है किसानों का आंदोलन
स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने दैनिक जागरण को बताया कि वह किसान संगठनों के संपर्क में हैं। अगर सरकार एमएसपी से कम पर खरीद को गैर कानूनी कर दे तो किसान आंदोलन वापस ले सकते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। यूं तो देश के तमाम किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों को रद करने से कम कुछ भी उन्हें मंजूर नहीं है। बावजूद इसके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) का मानना है कि एमएसपी की गारंटी से गुत्थी सुलझ सकती है। स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने दैनिक जागरण को बताया कि वह किसान संगठनों के संपर्क में हैं। अगर सरकार एमएसपी से कम पर खरीद को गैर कानूनी कर दे, तो किसान आंदोलन वापस ले सकते हैं। हालांकि, एमएसपी खरीद की गारंटी देना किसी भी सरकार के लिए मुश्किल है।
गौरतलब है कि भारतीय किसान संघ के बाद स्वदेशी जागरण मंच की ओर से भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग किसान संगठनों को बल देती है। बीकेएस के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी और एसजेएम के महाजन का कहना है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए कीमत तय करना जरूरी है। वह इस मत से सहमत नहीं हैं कि एमएसपी खरीद को आवश्यक बनाने से भारत वैश्विक बाजार में पिछड़ सकता है। सच्चाई यह है कि इन संगठनों में रोष का एक कारण यह है कि कानून लाने से पहले उनसे कोई मशविरा नहीं हुआ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठनों का केंद्र सरकार के खिलाफ उतरना कुछ चौंका सकता है, लेकिन यह नई बात नहीं है। दरअसल, संघ अपने सहयोगी संगठनों को जमीनी परख के आधार पर कोई लाइन लेने से नहीं रोकता है। बल्कि नीचे से आ रही जानकारी और सूचनाओं के आधार पर केंद्रीय स्तर पर राय भी बनाई जाती है। जीएम फूड, लेबर कोड समेत कई विषयों पर संघ के संगठन सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरते रहे हैं। बता दें कि दिल्ली-यूपी और हरियाणा बॉर्डर समेत कई जगहों पर किसानों का आंदोलन जारी है। यह अब 20वें दिन प्रवेश कर गया है।
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