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Delhi Riots: दिल्ली पुलिस को झटका, पिंजरा तोड़ की देवांगना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान दंगों में आरोपित देवांगना कलीता को जमानत देने के खिलाफ दिल्ली पुलिस की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया जिसमें दिल्ली पुलिस ने जमानत को रद करने की मांग की थी।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 02:15 PM (IST)
Delhi Riots: दिल्ली पुलिस को झटका, पिंजरा तोड़ की देवांगना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
नई दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एएनआइ। उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी महीने में हुए दंगों में आरोपित 'पिंजरा तोड़' समूह की सदस्य देवांगना कलीता (Devangana Kalita) को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ी राहत मिली है, वहीं दिल्ली पुलिस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में 'पिंजरा तोड़' समूह की सदस्य देवांगना कलीता दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने देवांगना कलीता की जमानत रद करने को लेकर एक याचिका दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी।  बुधवार को सुनवाई के दौरान देवांगना को जमानत देने के खिलाफ पुलिस की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली पुलिस ने आरोपित की जमानत रद करने की मांग की थी। 

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गौरतलब है कि पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, देवांगना कलीता एक और मामले में गिरफ्तार हैं और उनसे पूछताछ चल रही है। इसलिए वे अभी जेल में बंद रहेंगी।

देवांगना कलीता के अलावा पिंजरा तोड़ की एक अन्य सदस्य नताशा नरवाल को भी पुलिस ने 23 मार्च को दिल्ली हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया था। इन पर कई और गंभीर आरोप दिल्ली पुलिस की ओर से लगाए गए हैं।

गौरतलब है कि नताशा नरवाल और देवांगना कलीता दोनों जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्राएं हैं। कलीता जेएनयू की सेंटर फॉर वीमेन स्टडीज की एमफिल छात्रा, वहीं, नताशा नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज की पीएचडी छात्रा हैं। इसके साथ ही दोनों पिंजरा तोड़ की संस्थापक सदस्य हैं।

कोर्ट ने दोनों कार्यकर्ताओं को जाफराबाद प्रदर्शन मामले में जमानत दे दी थी और कहा था कि आरोपी सिर्फ एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, किसी हिंसा में शामिल नहीं थे।

वहीं, यह ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने तत्काल उन्हें एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया और उन पर हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया।

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