Delhi Air Pollution: शनिवार से दिखने लगेगा पंजाब-हरियाणा में जलाई जा रही पराली का असर
पंजाबी और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं जहां इस समय जोरों पर है वहीं हवा की दिशा और रफ्तार भी एक दो दिन में प्रतिकूल होने वाली है। ऐसे में एयर इंडेक्स 300 का आंकड़ा पार बहुत खराब श्रेणी में चला जाएगा।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। फिलहाल दिल्ली-एनसीआर का वायु प्रदूषण नियंत्रण में है, लेकिन सप्ताहांत में यह दमघोंटू हो सकता है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं जहां इस समय जोरों पर है वहीं हवा की दिशा और रफ्तार भी एक दो दिन में प्रतिकूल होने वाली है। ऐसे में एयर इंडेक्स 300 का आंकड़ा पार कर बहुत खराब श्रेणी में चला जाएगा। राजधानी के बहुत से इलाकों में यह गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकता है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, इस समय पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं अपने चरम पर हैं।
विचारणीय पहलू यह कि बीते साल यह स्थिति अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में बनी थी और दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की सर्वाधिक हिस्सेदारी 30 अक्टूबर से एक नवंबर के बीच दर्ज हुई थी। इस साल पराली जलाने का सिलसिला एक सप्ताह पहले ही शुरू हो गया था। लिहाजा, इसका चरम भी एक सप्ताह पहले ही आ गया है। संभावना जताई जा रही है कि 23 से 25 अक्टूबर के बीच पराली का धुआं दिल्ली की हवा को सर्वाधिक प्रभावित कर सकता है।
बताया जाता है कि हरियाणा में जहां पराली जलाने के दो हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, वहीं पंजाब में यह संख्या छह हजार से भी ज्यादा है। हरियाणा में पराली जलाने के सर्वाधिक मामले सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला और कैथल में दर्ज हो रहे हैं। पंजाब में इसके सर्वाधिक मामले लुधियाना, पटियाला, तरनतारन, अमृतसर और फिरोजपुर में सामने आ रहे हैं। जानकारों के मुताबिक तमाम रोक के बावजूद इस साल ऐसी घटनाएं बढ़ने की बड़ी वजह फसल की जल्द कटाई शुरू होना और कोरोना लॉकडाउन के चलते इस साल फसल की कटाई के लिए किसानों को श्रमिक नहीं मिलना भी है।
सफर इंडिया का कहना है कि एक दो दिन में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी की जगह पूर्वी हो जाने के आसार हैं। अभी हवा की रफ्तार 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक है, जबकि बाद में यह 5 किलोमीटर तक रह जाएगी। इस सूरत में सप्ताहांत के दौरान प्रदूषक तत्व उड़ नहीं पाएंगे एवं एयर इंडेक्स बहुत खराब श्रेणी में पहुंच जाएगा।
एस नारायणन (सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) का कहना है कि पराली जलाने की घटनाओं का चरम इसी सप्ताह आने की संभावना है। सप्ताहांत में दिल्ली-एनसीआर की हवा बिगड़ सकती है। हालांकि बहुत कुछ मौसम और हवा की स्थिति पर भी निर्भर करता है। यह तय है कि वायु प्रदूषण गंभीर नहीं तो बहुत खराब श्रेणी तक तो पहुंच ही जाएगा।
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