जंतर-मंतर पर यूपी के शिक्षामित्रों का प्रदर्शन, केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग
शिक्षामित्र दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनके मुताबिक अगर जल्द केंद्र सरकार मामले में हस्तक्षेप करते हुए कोई निर्णय नहीं लेती तो यह धरना अनिश्चितकालीन हो जाएगा।
नई दिल्ली [जेएनएन]। सहायक अध्यापक का दर्जा और वेतनमान की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों का गुरूवार को भी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना व विरोध प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए शिक्षामित्र शामिल हुए हैं। इसमें महिलाएं भी शामिल हैं।
शिक्षामित्र दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनके मुताबिक अगर जल्द केंद्र सरकार मामले में हस्तक्षेप करते हुए कोई निर्णय नहीं लेती तो यह धरना अनिश्चितकालीन हो जाएगा। मंगलवार को शिक्षामित्रों न अर्धनग्न होकर संसद की तरफ कूच करने की कोशिश भी की थी, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया था।
प्रदर्शन में शामिल आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन मेरठ मंडल के अध्यक्ष दुष्यंत ने कहा कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षामित्रों का समायोजन रद करने के बाद प्रदेश भर के शिक्षामित्र सड़क पर हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में 1.36 लाख शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के रूप में नियमितीकरण को गैरकानूनी ठहराया है। इसके बाद उन्हें योगी सरकार से अच्छे वेतन पर शिक्षामित्र के रूप में ही बहाल रखने की उम्मीद थी, लेकिन अब तक आश्वासन से बात आगे नहीं बढ़ पाई है।
सरकार शिक्षामित्रों को मात्र 10 हजार रुपये देने को तैयार है, जो समान काम-समान वेतनमान की नीति के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उन लोगों की मांग है कि केंद्र सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन लाकर शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के समकक्ष रखें।
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