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दिल्‍ली के एक चिल्ड्रन पार्क में अजगर के डेरे से बच्चों में खौफ

स्थानीय लोगों ने फिर से अजगर को देखा। इससे लोग दहशत में हैं। उनका कहना है कि इस पार्क में काफी ज्यादा संख्या में सांप भी हैं।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 13 Sep 2017 09:09 PM (IST)Updated: Thu, 14 Sep 2017 08:25 AM (IST)
दिल्‍ली के एक चिल्ड्रन पार्क में अजगर के डेरे से बच्चों में खौफ

नई दिल्ली [जेएनएन]। मालवीय नगर के राधारमण चिल्ड्रन पार्क में अजगर के डेरे से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया है। हालांकि एहतियातन निगम ने पार्क पर ताला लगाकर गार्ड को तैनात कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि करीब एक माह पहले स्थानीय पार्षद ने निगम के अधिकारियों को अजगर दिखाई देने शिकायत की थी, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कार्रवाई न होने से पार्क के पास रहने वाले स्थानीय निवासी डरे हुए हैं।

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बच्चों के पार्क में अजगर 

दरअसल, इस पार्क को विशेषकर बच्चों के लिए बनाया गया है। यहां बढ़ी संख्या में बच्चे रोजाना खेलते हैं। स्थानीय लोगों को 19 अगस्त को अजगर दिखाई दिया। स्थानीय लोगों ने पार्षद से इसकी शिकायत की। पार्षद ने निगम अधिकारियों को सूचना दी। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने वाइल्ड लाइफ विभाग को इसकी सूचना दे दी थी, लेकिन वाइल्ड लाइफ विभाग ने क्या कार्रवाई की, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

अजगर से लोग परेशान हैं 

स्थायी समिति बैठक में समिति की उपाध्यक्ष व मालवीय नगर से पार्षद डॉ. नंदिनी शर्मा ने निगम आयुक्त पुनीत गोयल एवं स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता से इस संबध में कार्रवाई करने की गुहार लगाई। नंदिनी शर्मा का कहना है कि पार्क में इतने दिनों से अजगर है, जिससे लोग काफी परेशान हैं।

स्थानीय लोगों ने देखा अजगर

तीन दिन पहले स्थानीय लोगों ने फिर से अजगर को देखा था। इससे लोग दहशत में हैं। उनका कहना है कि इस पार्क में काफी ज्यादा संख्या में सांप भी हैं। जो कभी भी छोटे बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अजगर सेड बोआएस प्रजाति का है। इस प्रजाति के अजगरों से नुकसान का खतरा कम होता है। एहतियातन पार्क के सांप के सभी बिलों को भी बंद कर दिया गया है। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

बंदरों को पकड़ने के लिए ट्रेनिंग देगा निगम

एसडीएमसी की स्थायी समिति की बैठक में बंदरों और कुत्तों के आंतक का मुद्दा भी उठा। इस पर निगम ने अस्थायी व्यवस्था के लिए हर जोन में 10-10 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाकर बंदर पकड़ने के आदेश दिए।
पार्षद नंदिनी शर्मा ने इस संबध में कार्रवाई करने की मांग की।

जवाब में निगम अधिकारियों ने कहा कि बंदरों के आंतक को खत्म करने के लिए उन्होंने कई बार आवेदन मांगे, लेकिन कोई भी इच्छुक सामने नहीं आया है। इसके लिए देहरादून, आन्ध्रप्रदेश, शिमला तक बदरों को पकड़ने के लिए संपर्क किया गया लेकिन इधर से भी कोई जवाब नहीं मिला।

इस पर कांग्रेस नेता अभिषेक दत्त ने कहा कि बंदरों को पकड़ने के लिए दी जाने वाली मेहनताना राशि कम होती है इसलिए निगम के साथ कोई कार्य नहीं करना चाहता है। इस पर निगम आयुक्त डॉ. पुनीत गोयल ने बंदर पकड़ने के लिए मेहनताना 1200 से बढ़ाकर 2000 करने के आदेश दिए। 

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