दिल्ली पुलिस की ओर से NIA ऑफिस पर बढ़ाई गई सुरक्षा, बेरिकेड लगाकर बंद किए गए रास्ते
दिल्ली स्थित एनआइए(नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी) के आफिस पर सुबह दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। ट्रैफिक पुलिस की ओर से इस ओर जाने वाले रास्ते को बेरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया। (NIA) ने दर्जनभर से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजे थे।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली स्थित एनआइए(नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी) के आफिस पर सुबह दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। ट्रैफिक पुलिस की ओर से इस ओर जाने वाले रास्ते को बेरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया।
दो दिन पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस (SFJ) मामले की अपनी जांच के सिलसिले में दर्जनभर से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजे थे। इन लोगों में एक पत्रकार, नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े किसान नेता और अन्य शामिल हैं।
एनआइए के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने पूछताछ के लिए कई लोगों को नोटिस भेजे हैं। उन्हें मामले के कुछ तथ्यों की पुष्टि करने के लिए गवाह के तौर पर बुलाया गया है। जब उनसे पूछा गया था कि पत्रकार के अलावा और किन लोगों को बुलाया गया है तो उक्त अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के लिए बुलाए गए लोगों के पेशे के बारे में विशेष तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
हालांकि एनआइए ने नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ वार्ता में हिस्सा ले रहीं किसान यूनियनों में से एक लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष बल्देव सिंह को भी समन किया है। समन के मुताबिक बल्देव सिंह से 17 जनवरी को एजेंसी के दक्षिण दिल्ली के सीजीओ कांप्लेक्स स्थित मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। उनके अलावा सुरेंद्र सिंह टीकरीवाल, पलविंदर सिंह, प्रदीप सिंह, नोबेलजीत सिंह और करनैल सिंह को भी 17 व 18 जनवरी को एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद एनआइए ने पिछले साल 15 दिसंबर को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। एफआइआर में एनआइए का आरोप है कि गैरकानूनी संगठन सिख फार जस्टिस और बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान टाइगर फोर्स, खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स समेत विभिन्न खालिस्तानी आतंकी संगठनों ने अपने अग्रणी संगठनों के साथ मिलकर एक साजिश रची है।
इस साजिश का मकसद डर और अराजकता का माहौल बनाना, लोगों में असंतोष पैदा करना और उन्हें सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाना है। एफआइआर के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और अन्य देशों में स्थित मिशनों के खिलाफ जमीनी स्तर पर अभियान और दुष्प्रचार के लिए विदेश में बड़ी मात्रा में धनराशि जुटाई जा रही है। इन अभियानों को घोषित आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नून, परमजीत सिंह पम्मा, हरदीप सिंह निज्जर और अन्य चला रहे हैं।
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