Delhi School Reopen News: दिल्ली में जल्द खोले जा सकते हैं स्कूल ! एक्सपर्ट कमेटी ने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट
Delhi School Reopen News बताया जा रहा है कि कमेटी की ओर से दिल्ली में सभी स्कूलों को खोलने की सिफारिश की है। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में सभी तरह के स्कूल खोले जाएं और सबसे पहले बड़ी क्लासों के स्कूल खोले जाने चाहिए।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। देश की राजधानी दिल्ली में भी स्कूल खोलने की तैयारी चल रही है। जल्द ही इस पर दिल्ली सरकार की ओर से आधिकारिक बयान भी आ सकता है। बताया जा रहा है कि स्कूलों को प्राइमरी, माध्यमिक और हायर के हिसाब से 3 चरणों में खोला जा सकता है। यह भी हो सकता है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दिल्ली में भी स्कूल खोले जाएं। ताजा जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार की एक्सपर्ट कमेटी ने स्कूल खोलने को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बताया जा रहा है कि कमेटी की ओर से दिल्ली में सभी स्कूलों को खोलने की सिफारिश की गई है। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में सभी तरह के स्कूल खोले जाएं और सबसे पहले बड़ी क्लासों के स्कूल खोले जाने चाहिए। इनमें 9वीं से 12वीं कक्षाएं शामिल हैं। कमेटी की इस रिपोर्ट को अगले कुछ दिनों में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समक्ष रखा जाएगा, जिस पर अंतिम निर्णय होगा।
सूत्रों के मुताबिक कमेटी की ये हैं प्रमुख सिफारिश
- सभी क्लास के लिए स्कूल खोले जाएं
- चरणबद्ध तरीके से स्कूल को खोला जाए
- सबसे पहले बड़ी क्लास के छात्रों के लिए खोले जाएं स्कूल।
चरणबद्ध चरीके से खोले जाएं स्कूल
कमेटी की ओर से सिफारिश की गई है कि देश की राजधानी दिल्ली में चरणबद्ध तरीके से सभी कक्षाओं के स्कूल खोले जाने चाहिए। इस कड़ी में दिल्ली में सबसे पहले बड़ी कक्षाओं के स्कूल खोले जाएं यानी सबसे पहले 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल खोले जाएं। इसके बाद मध्य और सबसे आखिर में प्राथमिक कक्षाओं को खोले जाए, जिसमें कक्षा 1 से 5 शामिल हों। इससे पहले 6वीं से 8वीं तक स्कूलों को खोलने को प्राथमिकता दी जाए।
गौरतलब है कि दिल्ली में स्कूलों को खोलने को लेकर डीडीएमए (DDMA) की बैठक में कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया था। कमेटी द्वारा दी गई सलाह के मुताबिक, स्कूलों के लिए एसओपी बनाना, एसओपी का पालन करने और लागू करने के लिए स्कूलों की तैयारी पर सुझाव देना शामिल है।
इसमें कहा गया था कि कमेटी द्वारा योजना का मूल्यांकन और अंतिम रूप देने की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी और इसके साथ ही कमेटी के मकसद स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण, छात्रों के माता-पिता की चिंताओं को दूर करना और सभी की भागीदारी होना सुनिश्चित करना होगा। इसके बाद ही स्कूल खोलने के सम्बंध में निर्णय लिया जाएगा। यहां पर यह बता दें कि ज्यादातर लोग यानी अभिभावक स्कूलों को खोलने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण का भय अब भी बना हुआ है।