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RRTS: सराय काले खां से मेरठ, रैपिड रेल के भूमिगत कारिडोर का निर्माण करेगी चीनी कंपनी

दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल कारिडोर के न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक 5.6 किलोमीटर के भूमिगत हिस्से का निर्माण करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने आखिरकार टेंडर दे दिया। 1126 करोड़ रुपये में एसटीईसी सुरंग खोद कर इस हिस्से का निर्माण करेगी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 01:29 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 01:40 PM (IST)
न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक 5.60 किमी के भूमिगत हिस्से के निर्माण कार्य पर आएगी 1,126 करोड़ की लागत।

नई दिल्ली। दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल कारिडोर के न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक 5.6 किलोमीटर के भूमिगत हिस्से का निर्माण करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने आखिरकार टेंडर दे दिया।

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छह माह पहले सबसे कम बोली लगाने के कारण चीन की शंघाई टनल इंजीनियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड (एसटीईसी) को टेंडर मिला है। लद्दाख की गलवन घाटी में भारत-चीन के बीच छिड़े सीमा विवाद के चलते एनसीआरटीसी ने उस समय यह कहते हुए टेंडर प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया था कि बोली का मूल्यांकन किया जा रहा है। 1,126 करोड़ रुपये में एसटीईसी सुरंग खोद कर इस हिस्से का निर्माण करेगी। इस दौड़ में पांच कंपनियां थीं।

टनल बोरिंग मशीन से होगी सुरंग की खोदाई  

भूमिगत कारिडोर बनाने के लिए करीब चार टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का आयात किया जाएगा। एनसीआरटीसी के अनुसार, इन मशीनों की कीमत ही काफी ज्यादा है, जोकि टेंडर का हिस्सा है। न्यू अशोक अशोक नगर से थोड़ा आगे खिचड़ीपुर के पास से रैपिड रेल का एलिवेटेड कारिडोर डाउन होकर भूमि के नीचे जाएगा। कई नाले, एनएच-नौ व अन्य सड़कों के नीचे से होते हुए भूमिगत कारिडोर साहिबाबाद में बीईएल (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड) के पास फिर से जमीन के ऊपर अप रैंप के जरिये एलिवेटेड कारिडोर से जोड़ दिया जाएगा।

आनंद विहार स्टेशन भी भूमिगत होगा:

इस भूमिगत हिस्से में ही आनंद विहार मेट्रो स्टेशन के सामने रोड के नीचे रैपिड रेल का आनंद विहार स्टेशन बनेगा। इसे आनंद विहार रेलवे टर्मिनल, बस अड्डा, मेट्रो और कौशांबी बस अड्डा से जोड़ा जाएगा। 

रीजनल रैपिड रेल से जुड़े तथ्य

भूमिगत कारिडोर बनाने के लिए चार टनल बोरिंग मशीन का होगा आयात, खिचड़ीपुर के पास से रैपिड रेल का एलिवेटेड कारिडोर डाउन होकर भूमि के नीचे जाएगा। 

ये है चयन की वजह

- यह प्रोजेक्ट एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से वित्त पोषित है, उसकी शर्तो को मानना बाध्यता है।

- एसटीईसी निर्माण में कामगार की नियुक्ति और सामग्री की खरीद देश से ही करेगा।

- एडीबी की शर्तो के तहत शर्तो को पूरा करने वाली किसी कंपनी को टेंडर से बाहर नहीं किया जा सकता।

- एसटीईसी दिल्ली और मुंबई में मेट्रो रेल की परियोजनाओं पर कर रहा है काम।

प्रस्तावित स्टेशन

- दिल्ली : सराय काले खां (एलिवेटेड), न्यू अशोक नगर (एलिवेटेड), आनंद विहार (भूमिगत)

- गाजियाबाद : साहिबाबाद, मेरठ तिराहा, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नार्थ

- मेरठ : मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल, मोदीपुरम (इन पर रैपिड रेल के अलावा मेट्रो ट्रेन का ठहराव भी होगा, इसके अतिरिक्त सिर्फ मेट्रो ट्रेन के लिए आठ स्टेशन भी बनेंगे)

मल्टीलेटरल एजेंसी द्वारा वित्तपोषित टेंडर को कई चरणों में मंजूरी लेनी पड़ती है। इस टेंडर को भी नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए दिया गया है। अब इस पूरे कारिडोर के सभी निर्माण संबंधित ठेके दिए जा चुके हैं और परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए तेजी से काम चल रहा है।

पुनीत वत्स, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआरटीसी

(इनपुट: आशीष गुप्ता)

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