कक्षाओं से ईमानदार नागरिक तैयार करके बेहतर समाज बनाना ही है लक्ष्य: सिसोदिया
माता-पिता और शिक्षकों का मानना है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा ही देश के सोचने और जीने का तरीका हो यही हमारा सपना है।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन का सोमवार से आगाज हुआ। यह कार्यक्रम नेहरू इन्क्लेव, कालकाजी स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में आयोजित किया गया। सम्मेलन में बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा विगत पांच साल में दिल्ली के शिक्षा सुधारों पर स्वतंत्र स्टडी की रिपोर्ट जारी की गई। स्कूल एजुकेशन रिफार्म्स इन दिल्ली 2015-2020 के नाम से जारी की गई। इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की शिक्षा संबंधी विभिन्न पहलकदमियों के कारण आए बड़े बदलाव के बारे में बताया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार 95 प्रतिशत से अधिक माता-पिता और शिक्षकों का मानना है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा ही देश के सोचने और जीने का तरीका हो, यही हमारा सपना है। उन्होंने कहा पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों की शानदार आधारिक संरचना बनाने, शिक्षकों का प्रशिक्षण और बच्चों के परिणाम में काफी सफलता हासिल की है। लेकिन असली सफलता तब मानी जाएगी, जब हर बच्चा देश के लिए कुछ कर गुजरने का जुनून लेकर निकले और देश को बदलने में योगदान करे। उन्होंने कहा कि सरकारा का लक्ष्य शिक्षा के जरिए बेहतर समाज बनाना है।
इस दौरान पांच देशों की शिक्षा प्रणाली का गहन अध्ययन करके क्लेवर लैंड्स पुस्तक की लेखिका लूसी क्रेहान ने भी अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि कोई भी शिक्षा प्रणाली सिर्फ मुट्ठी भर छात्रों को अच्छी शिक्षा देकर कभी न्यायसंगत नहीं हो सकती। व्यापक छात्रों को शामिल करके ही कोई शिक्षा प्रणाली श्रेष्ठ कहलाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को क्या पढ़ाना है, इसकी स्वायत्तता मिलना जरूरी है। तभी बच्चे कक्षा में शिक्षण के साथ तालमेल रख सकते हैं।
वहीं, सम्मेलन में पैनल चर्चा भी की गई। चर्चा में पूर्व शिक्षा सलाहकार और विधायक आतिशी, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एच राजेश प्रसाद, शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय, पूर्व शिक्षा निदेशक पद्मिनी सिंगला, शिक्षा सलाहकार शैलेंद्र शर्मा शामिल रहेे। वहीं, पूर्व शिक्षा निदेशक सौम्या गुप्ता इस चर्चा में आनलाइन माध्यम से शामिल रहीं। एच राजेश प्रसाद इस दौरान दिल्ली में शिक्षा सुधार के महत्वपूर्ण कदमों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध राजनीतिक नेतृत्व के कारण यह सफलता मिली है। इस सात दिवसीय सम्मेलन में भारत और सात अन्य देशों के 22 शिक्षा विशेषज्ञ स्कूली शिक्षा के विभिन्न विषयों पर विचार रखेंगे। इनमें भारत, फिनलैंड, इंग्लैंड, जर्मनी, सिंगापुर, नीदरलैंड, अमेरिका और कनाडा के विशेषज्ञ शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि 12 से 16 जनवरी 2021 तक रोजाना दो घंटे की आनलाइन पैनल चर्चा होगी। वहीं, 17 जनवरी को सम्मेलन का समापन होगा। सम्मेलन में शैक्षणिक पाठ्यक्रम, शिक्षा शास्त्र, शिक्षा प्रशासन के साथ ही शिक्षा की बुनियाद, शिक्षकों के व्यावसायिक विकास, स्कूल प्रबंधन और शिक्षा संबंधी अन्य विषयों पर चर्चा होगी।
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