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दिल्ली दंगा केस में सनसनीखेल खुलासा, नामी वकील के घर पर भी रची गई थी हिंसा की साजिश

Delhi Riots Update दंगों से पहले इस नामी वकील के घर पर हुई गोपनीय बैठक में उमर खालिद शरजील इमाम खालिद सैफी लघु फिल्म निर्माता राहुल राय समेत कई नेताओं व विभिन्न संगठनों के लोगों ने भाग लिया था।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 10:21 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 10:21 AM (IST)
दिल्ली दंगा मामलों में आरोपित वकील की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Delhi Riots Update: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की साजिश दिल्ली के एक नामी वकील के घर पर भी रची गई थी। फरवरी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुए दंगे से कुछ दिन पहले उक्त वकील के घर पर हुई गोपनीय बैठक में उमर खालिद, शरजील इमाम, खालिद सैफी, लघु फिल्म निर्माता राहुल राय समेत कई नेताओं व विभिन्न संगठनों के लोगों ने भाग लिया था। माना जा रहा है कि पुलिस उन्हें जल्द ही नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाएगी। सबूत मिलने पर उनको मुकदमे में आरोपित बनाकर पुलिस अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर करेगी।

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अब तक 15 लोगों के खिलाफ हुई चार्जशीट दायर

दंगे की साजिश रचने के मामले में स्पेशल सेल गैर कानूनी गतिविधियां अधिनियम (यूएपीए) के तहत अब तक 21 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनमें अभी केवल 15 आरोपित खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, ताहिर हुसैन, गुलफिशा, शफूरा जरगर, शफाउर रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, तसलीम अहमद, शलीम मलिक, मुहम्मद सलीम मलिक खान व अथर खान के खिलाफ ही आरोप पत्र दायर किया है।

उमर खालिद पर नहीं हुई चार्जशीट दाखिल

उमर खालिद, शरजील इमाम, दानिश, मुहम्मद परवेज अहमद, मुहम्मद इलियास समेत एक अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं किया है।

जांच हुई तेज

पिंजरा तोड़ की सदस्य गुलफिशा, नताशा व देवांगना के बयान में जिन नेताओं, अर्थशास्त्री व लघु फिल्म निर्माताओं आदि के नाम सामने आए हैं उनके खिलाफ जांच की जा रही है। स्पेशल सेल अभी कई और को आरोपित बनाते हुए उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर करेगी।

साजिशकर्ताओं के बारे में पता लगाना पुलिस के लिए चुनौती

दंगे के साजिशकर्ताओं के बारे में पता लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। साजिशकर्ताओं के बारे में जानकारी मिलते ही सबसे पहले स्पेशल सेल ने उनके मोबाइल फोन को किसी न किसी बहाने जब्त कर लिया ताकि गिरफ्तारी शुरू करने पर वे मोबाइल से चैट व दंगे से संबंधित अन्य तथ्यों को डिलीट न कर दें। इस रणनीति में पुलिस को सफलता मिली। सभी के मोबाइल फोन की जांच करने के बाद सबूत इकट्ठा किए गए। उसके बाद मुकदमा दर्ज करते हुए धीरे-धीरे उनकी गिरफ्तारी शुरू की गई।

गौरतलब है कि 24-25 फरवरी को हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा सैकड़ों को भी आग के हवाले कर दिया गया था। इसमें बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।

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