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Maulana Saad Tablighi Jamaat: पढ़िये- मौलाना साद की गिरफ्तारी से जुड़ी बड़ी खबर, आखिर कहां तक पहुंची बात

Maulana Saad Tablighi Jamaat हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस अगर आरोपितों को गिरफ्तार नहीं करना चाहती है तो बिना गिरफ्तारी के तीन माह बाद आरोप पत्र दायर कर देती है। इस केस में न तो मौलाना साद को गिरफ्तार कर रही है और न आरोप पत्र दायर कर रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 08:02 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 08:02 AM (IST)
तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। देश में कोरोना को लेकर बड़ा संकट खड़ा करने के मामले में आरोपित तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद व प्रबंधन से जुड़े उसके 6 सहयोगियों को न तो क्राइम ब्रांच और न ही प्रवर्तन निदेशालय गिरफ्तार कर रहा है। दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने के साथ ही 28 मार्च की रात मौलाना साद व उसके सभी सहयोगी निजामुद्दीन स्थित मरकज से फरार हो गए थे। इनकी गिरफ्तारी पर अब तक असमंजस बरकरार है।

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पहले माना जा रहा था कि 15 अक्टूबर तक संक्रमण फैलाने व अन्य नियमों के उल्लंघन में गिरफ्तार किए गए 36 विदेशी जमातियों के खिलाफ ट्रायल पूरा हो जाएगा। इसके बाद ही क्राइम ब्रांच साद की गिरफ्तारी के बारे में कोई निर्णय लेगी। लेकिन, विदेशी जमातियों के खिलाफ ट्रायल खत्म ही नहीं हो सका है। आमतौर पर हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस अगर आरोपितों को गिरफ्तार नहीं करना चाहती है तो बिना गिरफ्तारी के तीन माह बाद आरोप पत्र दायर कर देती है। लेकिन, इस मामले में न तो पुलिस साद व उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर रही है और न ही आरोप पत्र दायर कर रही है।

दिल्ली पुलिस को गृह मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार

बताया जा रहा है कि पुलिस गृह मंत्रालय के आदेश के इंतजार में बैठी है। आदेश कब तक मिलेगा, इस संबंध में कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। दिखाने के लिए क्राइम ब्रांच ने साद के निजामुद्दीन स्थित मरकज व उत्तर प्रदेश के शामली स्थित फार्म हाउस में शुरू के दिनों में छापेमारी भी की थी, लेकिन कोई नहीं मिला।

गौरतलब है कि दक्षिण दिल्ली स्थित निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में ठहरे कई विदेशी जमातियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर पुलिस ने 28 मार्च की रात मरकज को खाली कराने का काम शुरू किया था जो एक अप्रैल की सुबह तक चला था। खाली कराने के बाद क्राइम ब्रांच ने मरकज को जांच के लिए सील कर दिया था, जो अब तक बंद पड़ा है। साद की पत्नी खालिदा बेगम ने मरकज को खोलने के लिए दो बार साकेत कोर्ट में अर्जी दायर की, लेकिन नहीं खुल पाया। बताया जाता है कि कोर्ट ने 2 नवंबर तक के लिए स्टे लगा दिया है।

गौरतलब है कि मरकज में ठहरने वाले 36 देशों के 908 विदेशी जमातियों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने देश में कोरोना फैलाने आदि कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया गया। अधिकतर जमातियों के ट्रायल पूरा हो जाने पर उनसे जुर्माना वसूल वापस उनके देश भेज दिया गया। सबसे अधिक करीब 425 जमाती इंडोनेशिया के थे। अब 36 विदेशी जमाती शेष बचे हैं, जिनके खिलाफ ट्रायल चल रहा है।

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