केंद्र ने पांच साल में नहीं खरीदी दिल्ली में एमएसपी पर फसल : राघव चड्ढा
आम आदम पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने जिक्र किया कि कैसे दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछले कुछ साल में लगातार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के किसानों की मदद करने की अपील की है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक राघव चड्ढा ने आरोप लगाया है कि भाजपा की केंद्र सरकार ने पिछले पांच वर्षों में दिल्ली के एक भी किसान से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल की उपज नहीं खरीदी है। यह साबित करता है कि वह किसान विरोधी है। अधिकारियों, मंडी अध्यक्षों और हमारे मंत्रियों ने लगातार केंद्र को पत्र लिखे और यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसानों से फसल की उपज एमएसपी पर खरीदे। लेकिन, पिछले पांच वर्षो में किसी भी संस्था ने हमारे किसानों की मदद नहीं की है, जिससे किसान को अपनी उपज कम कीमत में बेचनी पड़ रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के किसान भाजपा और पीएम मोदी की असंवेदनशीलता और झूठे वादों के कारण निजी व्यापारियों की दया पर निर्भर हैं। बृहस्पतिवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में राघव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ ही हफ्ते पहले देश के किसानों से कहा था कि कृषि बिल किसानों और मंडियों के खिलाफ नहीं हैं, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का फायदा मिलता रहेगा। मंडियां भी अपना कामकाज करती रहेंगी, लेकिन दिल्ली के किसानों को तो एमएसपी का कोई फायदा ही नहीं मिला। केंद्र सरकार ने दिल्ली के किसानों को बिचौलियों के हाथों में लुटने के लिए छोड़ दिया है और दिल्ली के किसान एमएसपी से कम भाव पर अपना अनाज बेचने को मजबूर हैं।
दिल्ली सरकार ने केंद्र को कई बार लिखी चिट्ठी
राघव चड्ढा ने जिक्र किया कि कैसे दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछले कुछ साल में लगातार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के किसानों की मदद करने की अपील की है। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय और दिल्ली सरकार ने केंद्रीय कृषि मंत्री को कई चिट्ठियां लिखीं और किसानों के हित के लिए तुरंत हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। हमने लगातार चिट्ठी लिखकर यह अपील की है कि एफसीआइ को दिल्ली के किसानों का गेहूं मंडियों से खरीदने का आदेश जारी किया जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में हमारी और दिल्ली के किसानों की कोई मदद नहीं की।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो