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Delhi Air Pollution: यूपी-हरियाणा और राजस्थान के 23 जिलों में होगी हॉट-स्पॉट की पहचान

Delhi Air Pollution एनसीआर में शामिल हरियाणा उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के 23 जिलों में इन जगहों की पहचान कर इनके लिए अलग कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 12:48 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 12:48 PM (IST)
Delhi Air Pollution: यूपी-हरियाणा और राजस्थान के 23 जिलों में होगी हॉट-स्पॉट की पहचान

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Air Pollution: इस बार की सर्दी में दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर सुनियोजित वार होगा। पहली बार एनसीआर में भी हॉट स्पॉट की पहचान की जा रही है। एनसीआर में शामिल हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के 23 जिलों में इन जगहों की पहचान कर इनके लिए अलग कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी। सभी हॉट स्पॉट की सूची सहित इनके प्रदूषण से निपटने की कार्ययोजना 30 सितंबर तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को दी जानी है, ताकि अक्टूबर से इस पर काम शुरू किया जा सके।गौरतलब है कि तमाम प्रयासों के बावजूद सर्दी में राजधानी गैस चैंबर में तब्दील हो जाती है। 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने पर भी स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए निर्माण कार्यों सहित विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना पड़ता है। इस साल ऐसे हालात उत्पन्न न हों, इसके लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं।

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जहां सुप्रीम कोर्ट स्वयं इस मसले पर लगातार निगाह रखे हुए है, वहीं पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) भी 'पराली ऑर हॉट स्पॉट' को लेकर हर पखवाड़े समीक्षा बैठक कर रहा है।इसी कड़ी में अब एनसीआर में शामिल हरियाणा के 13, उत्तर प्रदेश के आठ और राजस्थान के दो जिलों के हॉट स्पॉट भी चिह्नित किए जा रहे हैं।

सीपीसीबी ने इन तीनों ही राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को अपने उन सभी क्षेत्रों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है जहां ज्यादा प्रदूषण देखने में आ रहा है। फिलहाल ईपीसीए हरियाणा में पांच क्षेत्रों बहादुरगढ़, पानीपत व सोनीपत के साथ फरीदाबाद की दो जगहों को हॉट स्पॉट करार दे चुका है। यहां पर वाहनों की संख्या, निर्माण स्थल औैर औैद्योगिक इकाइयों की तादाद काफी है। इसका असर दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर पड़ता है। इन जगहों पर खुले में कचरा जलाने, टूटी सड़कों, मलबा फेंकने, कबाड़ का काम होने, ईंधन जलाने से भी प्रदूषण का स्तर अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा रहता है।

 एस. नारायणन (सदस्य सचिव, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के मुताबिक, ईपीसीए और सीपीसीबी के निर्देश पर हॉट स्पॉट चिह्नित करने के साथ-साथ वहां प्रदूषण की रोकथाम के लिए कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है। ईपीसीए द्वारा सुझाए गए पांच हॉट स्पॉट में से तीन की कार्ययोजना सीपीसीबी को सौंप भी दी गई है।

भूरेलाल (अध्यक्ष, ईपीसीए) का कहना है कि सर्दी में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए हर हॉट स्पॉट की पहचान, उसकी निगरानी और उसके लिए अलग एक्शन प्लान बनाना अत्यंत जरूरी है। इस पर तेजी से काम चल रहा है। 

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