Move to Jagran APP

Delhi Air Quality Index: दिल्ली-NCR की हवा में तेजी से घुल रहा 'जहर', नाकाफी साबित हो रहे उठाए गए सभी उपाय

Delhi Air Quality Index एनसीआर में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार के साथ दिल्ली सरकार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 10:09 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 10:18 AM (IST)
Delhi Air Quality Index: दिल्ली-NCR की हवा में तेजी से घुल रहा 'जहर', नाकाफी साबित हो रहे उठाए गए सभी उपाय
दिल्ली के साथ एनसीआर में बढ़ा वायु प्रदूषण।

नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता स्तर (Air Quality Index) में लगातार हो रहे इजाफे के चलते दिल्ली-एनसीआर के हालात बदतर होते जा रहे हैं। आलम यह है कि जहां AQI 500 का आंकड़ा पार करने को बेताब है तो वहीं, वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि नवंबर की शुरुआत में ही वायु गुणवत्ता का स्तर दिल्ली-एनसीआर में 500 के स्तर तक पहुंच गया है। मौसम विभाग की चेतावनी पर गौर करें तो अगले सप्ताह दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति और गंभीर होने वाली है। 

loksabha election banner

GRAP भी साबित हो रहा Flop

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने 15 अक्टूबर से  ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया गया है। इसके तहत नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में कार्रवाई की कड़ी में भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। बावजूद इसके हालात बेकाबू हैं।

पराली नहीं, स्थानीय कारक प्रदूषण के लिए ज्यादा जिम्मेदार

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में इजाफा सिर्फ पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के चलते हो रहा है, ऐसा भी नहीं है। आंकड़े भी इसकी ओर इशारा करते हैं। बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्त का स्तर 400-500 के बीच रहा, लेकिन इसमें पराली के धुएं का योगदान बेहद कम रहा। सफर इंडिया के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी महज 5 फीसद रही। वहीं, मंगलवार को पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने की 1,949 घटनाएं दर्ज हुई थीं।

हवा की दिशा बनी परेशानी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, अभी तक हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिमी थी। राजस्थान-गुजरात की तरफ से आ रही इस हवा के कारण पराली का ज्यादा धुआं दिल्ली नहीं पहुंच रहा था, लेकिन बुधवार की सुबह हवा उत्तर-पश्चिमी हो गई। यह पंजाब और हरियाणा की तरफ से आती है।

ऑड इवेन का विकल्प खुला

राजधानी में वायु प्रदूषण को लेकर हालात में जल्द सुधार नहीं दिखा तो दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ऑड-इवेन स्कीम लागू कर सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक आर्थिक परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए ऑड-इवेन परेशानी बढ़ाने वाला होगा। इसे लागू नहीं करने के पीछे यह तर्क भी दिया जा रहा है कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली ठीक है, लेकिन इतनी भी अच्छी नहीं है कि कोरोना काल में ऑड-इवेन लागू होने के बाद लोगों का भार सह सके। बता दें कि पिछले साल दिल्ली में जहरीली होती हवा के बीच 15 नंबर को ऑड इवेन स्कीम को लागू किया गया था। इसका असर भी देखने को मिला था और वायु प्रदूषण में कमी आई थी।

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए किए ये उपाय

  • दिल्ली में प्रदूषण के हॉट स्पॉट पर निगरानी की जा रही है। 
  • दिल्ली का पर्यावरण विभाग वायु प्रदूषण के मानकों का उल्लंघन करने पर जुर्माना कर रहा है।
  • दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
  • वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • दिल्ली-एनसीआर में जनरेटर के संचालन पर रोक है, हालांकि कई जगहों पर विशेष परिस्थितियों में संचालन की इजाजत है।
  • प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नए औद्योगिक क्षेत्रों में किसी विनिर्माण इकाई को इजाजत नहीं देने का एलान किया है। यहां पर केवल सेवा तथा हाईटेक उद्योगों की इजाजत होगी।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.