Delhi: कोर्ट ने हिंदी भाषा के प्रयोग पर कही बड़ी बात, मजिस्ट्रेट को मातृभाषा में बयान रिकार्ड करने का निर्देश
Delhi News हिंदी में बयान रिकार्ड करने के लिए मजिस्ट्रेट को निर्देश देते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि आग्रह पर राष्ट्रीय राजधानी की अदालतें साक्ष्य व अन्य कार्यवाही इस भाषा में करने के लिए बाध्य हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हिंदी में बयान रिकार्ड करने के लिए मजिस्ट्रेट को निर्देश देते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि आग्रह पर राष्ट्रीय राजधानी की अदालतें साक्ष्य व अन्य कार्यवाही इस भाषा में करने के लिए बाध्य हैं। इस तरह के अनुरोध को अस्वीकार करना आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 272 और दिल्ली हाई कोर्ट नियमावली का उल्लंघन होगा।
हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद पर आपत्ति
तुगलक रोड थाना क्षेत्र में करीब सात साल पहले रास्ता बाधित करने व अन्य आरोप में दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत कई लोगों पर कार्रवाई की गई थी। इस मामले की वर्ष 2016 से सुनवाई पटियाला हाउस स्थित मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रही है। इस केस के कुछ आरोपितों ने मजिस्ट्रेट कोर्ट से आग्रह किया था कि गवाहों से होने वाले सवाल व जवाब हिंदी में रिकार्ड किए जाएं। हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद करने पर सवाल और जवाबों का अर्थ बदल जाता है। 30 मई 2022 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपितों की अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि संसाधनों की कमी है।
आरोपितों को कोर्ट से राहत
मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए आरोपितों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा के कोर्ट में अर्जी दायर की थी। इस अर्जी पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट ने आरोपितों को राहत देते हुए अधीनस्थ मजिस्ट्रेट को बयान हिंदी में रिकार्ड करने का निर्देश दिया है।
मजिस्ट्रेट को लगाई फटकार
आदेश में कोर्ट ने कहा कि यह समझ में नहीं आता कि मजिस्ट्रेट किस संसाधन की समस्या के बारे में बात कर रहे हैं। गवाहों के बयान कंप्यूटर डेस्कटाप पर लिखे जा सकते हैं, जिसमें स्टेनोग्राफर द्वारा हिंदी फान्ट है और यदि कोर्ट स्टेनोग्राफर हिन्दी टाइपिंग में दक्ष नहीं है, तो इस भाषा टाइपिस्ट के लिए अनुरोध किया जा सकता है।