दिल्ली-एनसीआर में सरकारी उपयोग के लिए केवल ई-वाहन खरीदने का आदेश
Pollution in India वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों के नाम जारी आदेश में कहा है कि भविष्य में सरकारी इस्तेमाल के लिए सिर्फ ई-वाहनों की खरीद की जाए।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर में सरकारी इस्तेमाल के लिए अब इलेक्टिक वाहन ही खरीदे जाएंगे। इसे लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार के मुख्य सचिवों को आदेश दिया है और योजना का ब्योरा भी जल्द मांगा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चल रहे तमाम मौजूदा वाहनों को चरणबद्ध तरीके से ई-वाहनों में शिफ्ट करने की योजना है। आयोग ने पाया है कि दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में एक बड़ा हिस्सा वाहनों से निकलने वाले धुएं का है। चूंकि, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बहुत मजबूत नहीं है, लिहाजा निजी वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में इन्हें धीरे-धीरे इलेक्टिक यानी धुआं न देने वाले वाहनों में तब्दील किया जाए। आयोग ने ई-वाहनों के लिए सभी सरकारों से अल्पावधि और दीर्घावधि योजना बनाने को भी कहा है। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है।
ये हैं आदेश में
- सभी राज्य ई-वाहन नीति बनाएं और बताएं कि हर साल कितने फीसद वाहनों को इलेक्टिक में बदलने का लक्ष्य तय किया है।
- निजी कार, स्कूटर, बाइक ही नहीं, बल्कि ट्रक, टेंपो, बस और थ्री व्हीलर को भी ई-वाहन में ही शिफ्ट करें।
- मेट्रो फीडर बस सर्विस और डिलीवरी फ्लीट यानी ओला-उबर सरीखी कैब सर्विस को भी इलेक्टिक वाहन में बदला जाएगा।
- इलेक्टिक वाहनों के लिए चार्जिंग और स्वैपिंग स्टेशन भी जल्द तैयार करने को कहा गया है।
हरियाणा में चार साल में बैटरी से फर्राटा भरेंगे वाहन
इलेक्टिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा सरकार ने भी नीति बना दी है। इसके तहत सभी महकमों, बोर्ड-निगमों और सरकारी प्रतिष्ठानों की गाड़ियां और एंबुलेंस अगले चार साल में बैटरी से फर्राटा भरती दिखेंगी। वर्ष-2029 तक सभी रोडवेज बसों के साथ ही निजी वाहनों को भी इलेक्टिक करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे वायु प्रदूषण पर काफी हद तक लगाम लग सकती है।
दिल्ली में 2024 तक 25 फीसद वाहन होंगे इलेक्टिक
दिल्ली में ई-वाहन नीति अधिसूचित की जा चुकी है। दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक जितने भी वाहन खरीदे जाएं, उनमें कम से कम 25 फीसद इलेक्टिक हों। बड़े स्तर पर सब्सिडी का प्लान बनाया गया है। कोई दोपहिया या तीन पहिया वाहन खरीदता है तो करीब 30 हजार, जबकि चार पहिया वाहन पर करीब 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। इन वाहनों पर कोई रोड टैक्स, पंजीकरण शुल्क नहीं लगेगा। दिल्ली सरकार ने यह भी तय किया है कि अगले छह माह बाद जो भी वाहन किराये पर लिए जाएंगे, वे इलेक्टिक होंगे।
डॉ. केजे रमेश (पूर्णकालिक तकनीकी सदस्य, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल सभी राज्यों को आदेश जारी कर दिया गया है। पर्यावरण की बेहतरी के लिए दिल्ली-एनसीआर में सरकारी इस्तेमाल के लिए अब सिर्फ ई-वाहन खरीदे जाएंगे। अन्य स्तरों पर भी हर राज्य को जल्द से जल्द अपनी लक्ष्यबद्ध योजना प्रस्तुत करनी है।
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