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Delhi News: दिल्ली में तीन साल में 57,000 शादियां ही हुईं रजिस्टर्ड, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे

Delhi News राजधानी दिल्ली में शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होने के बावजूद पिछले तीन साल में महज 57000 शादियां ही पंजीकृत हुईं। एक आंकड़े के मुताबिक एक अक्टूबर वर्ष 2019 से 31 अगस्त 2022 के बीच 57000 शादियां दर्ज की गईं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariPublished: Mon, 03 Oct 2022 08:23 AM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 08:23 AM (IST)
दिल्ली में तीन साल में 57,000 शादियां ही हुईं रजिस्टर्ड, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में हर साल रिकार्ड संख्या में शादियां होने के बाद भी उनका पंजीकृत आधिकारिक आंकड़ा कम ही रहता है। एक आंकड़े के अनुसार दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में शहर में केवल 57,000 शादियां ही पंजीकृत हुई थीं।

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अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में दिल्लीवासी अपनी शादियों को तब तक पंजीकृत नहीं कराते जब तक उन्हें वीजा या अन्य उद्देश्यों के लिए विवाह प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होती। अक्टूबर से दिसंबर और जनवरी से मार्च के बीच शादियों के मौसम के दौरान हर दिन हजारों शादियां आयोजित होती हैं।

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कुछ शुभ दिनों में यह संख्या 20,000 के आंकड़े को भी पार कर जाती हैं। राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 11 जिलों में कुल 62,811 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से एक अक्टूबर 2019 से 31 अगस्त 2022 के बीच 56,918 शादियां दर्ज की गईं। आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिण-पश्चिम जिले में सबसे अधिक 9,122 विवाह पंजीकरण हुए, इसके बाद शाहदरा में 8,157, उत्तर पश्चिम में 6,712, दक्षिण में 6,299 और पश्चिम में 6,279 थे।

उत्तर-पूर्व जिले में सबसे कम विवाह पंजीकरण हुए। प्राप्त 1,058 आवेदनों में से, 918 पंजीकरण किए गए, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है। मध्य 3,616, पूर्व 3,988, नई दिल्ली 3,437, उत्तर 4,465, दक्षिणपूर्व 3,925 में इसी अवधि के दौरान 5,000 से कम विवाह पंजीकरण हुए। आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2018 के बीच कुल 60,304 शादियां हुईं, जबकि 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2019 के बीच 19,254 शादियां हुईं।

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अधिकारियों ने कहा कि पंजीकरण संख्या कम थी क्योंकि लोगों को नहीं लगता कि उनकी शादी का पंजीकरण कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन ई-जिला पोर्टल के माध्यम से दायर किए जाते हैं और उन पर विधिवत विचार किया जाता है। आवेदकों के पास पंजीकरण की तारीख और समय चुनने का विकल्प होता है।


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