Netaji Subhash Chandra Bose: नेताजी के ‘एक्शन’ में था उनके ‘कम्युनिकेशन’ का राज- रेणुका
नेताजी सुभाष चंद्र बोस - एक संचारक विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मालाकर ने कहा कि पूरे देश को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग भी प्रेरणा लेता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस बोलने से ज्यादा काम करने में विश्वास रखते थे। असल में उनके एक्शन यानी कार्य करने की भावना में ही उनके कम्युनिकेशन (संचार) का राज छिपा हुआ था। यह विचार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रपौत्री और नेताजी सुभाष चंद्र बोस-आइएनए ट्रस्ट की महासचिव रेणुका मालाकर ने शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आइआइएमसी) की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘शुक्रवार संवाद’ में व्यक्त किए।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस - एक संचारक विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मालाकर ने कहा कि पूरे देश को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग भी प्रेरणा लेता है। उनकी ओर से दिया गया जय हिंदू का नारा पूरे देश का राष्ट्रीय नारा बन गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने विचारों से लाखों लोगों को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि नेताजी का मानना था कि स्त्री और पुरुष में कोई भी भेद संभव नहीं है। यही कारण था कि महिला सशक्तीकरण का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने आजाद हंिदू फौज में रानी झांसी रेजीमेंट की स्थापना की थी।
इस अवसर पर आइआइएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि अगर हमें नेताजी को याद रखना है तो अपने विचार को जन समूह के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने वाले संचारक के रूप में याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी के पूर्व सीमित संचार के साधनों के बाद भी नेताजी लोकप्रिय हुए और उसका महत्वपूर्ण कारण था नेताजी की सहजता और सरलता।
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