Good News: अब नगर निगम जारी कर सकेंगे लघु उद्योग के लाइसेंस
घु उद्योग करने वाले लोगों को निगम दिल्ली सरकार की बिना मंजूरी के लाइसेंस जारी कर सकेंगे जबकि पहले दिल्ली सरकार के श्रम विभाग के तहत आता था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में रिहायशी इलाकों में लघु उद्योग चलाने वाले लाखों लोगों को राहत देते हुए केंद्र सरकार के आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने हाल ही में हुए मास्टर प्लान-2021 के संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगम और एनडीएमसी के रिहायशी इलाकों में लघु उद्योग करने वाले लोगों को निगम दिल्ली सरकार की बिना मंजूरी के लाइसेंस जारी कर सकेंगे, जबकि पहले दिल्ली सरकार के श्रम विभाग के साथ ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और उद्योग विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना पड़ता था, लेकिन, मास्टर प्लान-2021 में संशोधन के बाद अब यह अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। इतना ही नहीं, अब लोग पांच कर्मचारियों के बजाय नौ कर्मी और 11 किलोवॉट का मीटर भी घरेलू उद्योग के लिए लगवा सकते हैं।
उत्तरी दिल्ली के स्थायी समिति अध्यक्ष जय प्रकाश ने बताया कि निगम ने पहले ही इसके लिए तैयारी कर ली है। पिछले दिनों इसके लिए हमने ऑनलाइन लाइसेंस जारी करने लिए पोर्टल भी लांच किया था। जय प्रकाश ने बताया कि इससे लघु उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे घरेलू उद्योग से लोग आर्थिक रूप से भी मजबूत हो सकेंगे। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से आंचल पीवीआर चाइल्डस्केप योजना के अंतर्गत आने वाले 10 निगम विद्यालयों में क्रेच-कम-डे-केयर सेंटर की शुरुआत की गई। इसमें पीवीआर नेस्ट वित्तीय सहायता और मोबाइल क्रेच एनजीओ तकनीकी और कार्यात्मक सहायता प्रदान करेंगे। योजना की शुरुआत उपराज्यपाल अनिल बैजल की ओर से की गई। इस अवसर पर उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह मौजूद थे। उपराज्यपाल ने इस पहल की सराहना करते हुए तुर्कमान गेट स्थित निगम विद्यालय में आंचल-चाइल्डस्केप सेंटर का दौरा किया।
इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए 12 घंटे सेवा प्रदान करने के साथ पोषण, शैक्षणिक और विभिन्न सुरक्षा मुद्दों के संबंध में समस्याओं को खत्म करना रहेगा। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इन केंद्रों का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक और मानसिक शोषण, बाल श्रम, मादक द्रव्यों के सेवन, बच्चों और किशोर अपराधों के खिलाफ ¨हसा और ऐसे बच्चों के शैक्षणिक और स्वास्थ्य मापदंडों में सुधार करना है।
निगम को इस योजना से उम्मीद है कि विद्यालयों के भीतर ऐसे केंद्रों को खोलने से किन्हीं कारणों से पढ़ाई को अधूरा छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आएगी। इसके पीछे एक यह भी कारण है कि इन केंद्रों में छह महीने से लेकर 12 साल तक की उम्र वाले बच्चे ही आ सकेंगे, जिससे कम उम्र व शुरुआत से ही बच्चे विद्यालय के माहौल से रूबरू हो सकेंगे। इसके साथ ही उनका मानसिक रूप से भी विकास हो सकेगा। परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त वर्षा जोशी के साथ सामुदायिक सेवाओं की निदेशक इरा सिंघल समेत अन्य अधिकारियों का योगदान रहा।
तुर्कमान गेट स्थित नगर निगम के प्राथमिक विद्यालय में क्रेच व केयर सेंटर का उद्घाटन करने के बाद अवलोकन करते उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सीलिंग से मिलेगी राहत केंद्र सरकार की ओर से मास्टर प्लान में घरेलू उद्योग के लाइसेंस बिना दिल्ली सरकार के विभागों के अनुमति देने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन अधिसूचना न जारी होने की वजह से निगम इसके लिए लाइसेंस जारी नहीं कर पा रहा था। इससे रिहायशी इलाकों में चल रहे घरेलू उद्योग के लाइसेंस निगम जारी नहीं कर पा रहे थे, जिससे इन पर सीलिंग की तलवार लटकी हुई थी। चूंकि अब केंद्र सरकार के आवास और शहरी विकास मंत्रलय की अधिसूचना जारी हो गई है तो आवेदन करने पर निगम अब जल्द आवेदनों का निपटारा कर सकेगा। 112 तरह के हैं घरेलू उद्योग शामिल हैं। इसमें अगरबत्ती बनाने से लेकर पैकिंग से जुड़े कार्य शामिल हैं।