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कोरोना से अधिक घातक साबित हो रही हैं बीमारियां, शमसान घाट पर शवों की संख्या में बढ़ोतरी

कोरोना और दूसरी बीमारियों से दम तोड़ने वाले शवों को जलाने की अलग-अलग व्यवस्था है। सीएनजी और कुछ घाट कोरोना के लिए अलग से अधिकृत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरे बीमारियों के भी कहर बरपाने के पीछे कोरोना कारण हो सकता है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 09:43 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 09:43 PM (IST)
कोरोना से अधिक घातक साबित हो रही हैं बीमारियां, शमसान घाट पर शवों की संख्या में बढ़ोतरी
औसत 20 फीसद कोरोना से तो 80 फीसद दूसरी बीमारियों से हो रही है मौतें

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। दिल्ली में वैश्विक महामारी कोरोना ही नहीं दूसरी अन्य बीमारियां भी अधिक घातक साबित हो रही है। ह्दयघात, ब्रेन हैमरेज, उच्च रक्तचाप, टीबी व कैंसर समेत अन्य बीमारियां कोरोना से कहीं अधिक जानलेवा साबित हो रही है। इसका अंदाजा दिल्ली के प्रमुख श्मशान घाटों में एक निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार के लिए आ रहे शवों से पता चलता है। औसतन यहां रोजाना 100 से अधिक शव दाह-संस्कार के लिए आ रहे हैं। उसमें अगर 20 शव कोरोना संक्रमित के हैं तो 80 शव दूसरी बीमारियों से जान गंवाने वाले लोगों के है।

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वैसे, रोजाना आ रहे कुल शवों के मामले भी अपने आपमें रिकार्ड बनाए हुए हैं। श्मशान घाट चलाने वाले प्रबंधकों के मुताबिक 15-20 सालों में प्रतिदिन के आधार पर इतने शव कभी नहीं आए हैं। निगम बोध घाट के संचालन समिति से जुड़े विशाल मिश्रा ने कहा कि जाड़े के मौसम में अंतिम संस्कार के लिए एक दिन में सर्वाधिक शव 70-75 से कभी अधिक नहीं रहे हैं। जबकि, दिल्ली में कोरोना के तीसरी लहर में 16 नवंबर को सर्वाधिक 116 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। सुकून की बात यह कि 20 नवंबर को केवल 63 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। जिसमेें कोरोना के मामले तो 20 से अधिक थे, लेकिन दूसरी बीमारियों से दम तोड़ने वालों की संख्या महज 43 थी।

बता दें कि कोरोना और दूसरी बीमारियों से दम तोड़ने वाले शवों को जलाने की अलग-अलग व्यवस्था है। सीएनजी और कुछ घाट कोरोना के लिए अलग से अधिकृत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरे बीमारियों के भी कहर बरपाने के पीछे कोरोना कारण हो सकता है। क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के अधिकतर बड़े अस्पताल कोविड-19 मरीजों के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं। ऐसे में दूसरी बीमारियों के मरीजों के समुचित इलाज में कठिनाई आ रही है। दूसरे, कोरोना संक्रमण के भय से दूसरी बीमारियों से पीड़ित कई मरीज नियमित जांच के लिए अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं। पुरानी दिल्ली के सुईवालान के जनरल फिजिशियन संजय ढिंगरा ने कहते हैं कि वायु प्रदूषण भी इस समय जानलेवा बना हुआ है। ऐसे में लाेगों को मास्क पहनकर निकलना चाहिए। यह कई बीमारियों से बचा रहा है।

निगम बोध घाट पर कुल आए शव

16 नवंबर- 116

कोरोना-20

दूसरी बीमारी-96

निगम बोध घाट पर कुल आए शव

17 नवंबर- 94

कोरोना-20

दूसरी बीमारी-74

निगम बोध घाट पर कुल आए शव

18 नवंबर- 95

कोरोना-21

दूसरी बीमारी-74

निगम बोध घाट पर कुल आए शव

19 नवंबर- 92

कोरोना-21

दूसरी बीमारी-71

20 नवंबर - 63

-कोरोना-21

दूसरी बीमारी 42

पिछले वर्ष

18 नवंबर

कुल अंतिम संस्कार- 40

19 नवंबर

कुल अंतिम संस्कार-72

(नोट- पिछले वर्ष कोरोना नहीं था)

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