EXCLUSIVE: आइएसआइ से जुड़े आतंकियों का खुलासा, दहशत फैलाने के लिए इंग्लैंड-US से आ रहा है पैसा
दोनों आतंकियों ने पूछताछ में बताया है कि वाट्सएप और फेसबुक के जरिये कॉल करके आतंकी संगठनों व खालिस्तान समर्थक आतंकियों के संपर्क में थे।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। खालिस्तान आंदोलन के समर्थक इंग्लैंड और अमेरिका में छिपे हुए हैं। यहीं से वह आतंकियों के लिए फंड मुहैया करा रहे हैं। दरअसल, इन देशों से आने वाली रकम पर खुफिया एजेंसियों की नजर आसानी से नहीं जाती है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल के गिरफ्तार दोनों आतंकियों से पूछताछ में ये पर्दाफाश हुआ है। दोनों को रिमांड पर लेकर सेल व आइबी सहित अन्य जांच एजेंसियां सघन पूछताछ कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने पूछताछ में बताया है कि वाट्सएप और फेसबुक के जरिये कॉल करके आतंकी संगठनों व खालिस्तान समर्थक आतंकियों के संपर्क में थे। यही नहीं भूपिंदर ने यह भी बताया है कि दुबई, अमेरिका और इंग्लैंड में खालिस्तान आंदोलन के समर्थक बड़ी संख्या में रहते हैं। यही से आतंकी गतिविधियों के लिए भारत में धन भेजा जाता है। उसने बताया कि हथियार व कारतूस खरीदने के लिए भी इंग्लैंड से ही धन मिला है। यहां रहने वाले जगदीश भूरिया ने हथियारों का भुगतान किया था। इसके बाद उसे दिल्ली के एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर देकर हथियार लाने के लिए कहा था। इससे पहले पकड़े गए पंजाब के दोनों आतंकियों को भी अमेरिका में रहने वाले एक व्यक्ति ने धन मुहैया कराया था।
दोनों आइएसआइ के भी संपर्क में थे
यह भी पता चला है कि भूपिंदर सिंह और कुलवंत सिंह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के कई लोगों के संपर्क में थे। ये लोग वाट्सएप व अन्य माध्यमों से इंटरनेट कॉलिंग करते थे। दोनों के मोबाइल फोन की जांच करने पर सेल को यह जानकारी मिली है।
दिलावर सिंह से प्रेरित है भूपिंदर
दिलावर सिंह बब्बर से भूपिंदर सिंह बेहद प्रभावित है। दिलावर ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की थी। सिख धर्म व गुरु के खिलाफ बोलने वाले को ये शत्रु सामान मानते हैं। शुरुआत में वह सऊदी अरब में रहने के दौरान बब्बर खालसा के वधवा सिंह बब्बर के संपर्क में आया था। वहां पकड़े जाने पर भारत निर्वासित कर दिया गया। यहां पंजाब पुलिस ने उसे यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था। जेल से छूटने के बाद वह खालिस्तान कमांडो फोर्स के धन्ना सिंह के संपर्क में आ गया था।
छह साल पहले हुई थी कुलवंत की भूपिंदर से मुलाकात
कुलवंत सिंह की मुलाकात भूपिंदर सिंह से रायकोट में करीब 6 वर्ष पहले हुई थी। इसके बाद दोनों दोस्त बन गए। भूपिंदर के जेल से आने के बाद दोनों सिखों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वालों को खत्म करने के लिए काम करने लगे। इसके बाद फेसबुक व अन्य माध्यम से खालिस्तान समर्थकों, आइएसआइ व अन्य आतंकी संगठनों से दोनों ने संपर्क करना शुरू कर दिया। फेसबुक के जरिये पाकिस्तान जिंदाबाद और खालिस्तान जिंदाबाद समूह में शामिल हो गया। इसे पाकिस्तान से परवेज अख्तर नाम का व्यक्ति संचालित कर रहा है।
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