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Delhi Violence Case: LG ने किया अरुण मॉडर्न स्कूल का दौरा, हुआ था हिंसा का शिकार

Delhi Violence Case उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24-25 फरवरी को हुई हिंसा के बाद तेजी से हालात सामान्य हो रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 11:24 AM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 01:47 PM (IST)
Delhi Violence Case: LG ने किया अरुण मॉडर्न स्कूल का दौरा, हुआ था हिंसा का शिकार
Delhi Violence Case: LG ने किया अरुण मॉडर्न स्कूल का दौरा, हुआ था हिंसा का शिकार

नई दिल्ली, एजेंसी। Delhi Violence : उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24-25 फरवरी को हुई हिंसा के बाद तेजी से हालात सामान्य हो रहे हैं। यहां पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का दौरा जारी है। इस बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल (Delhi LG Anil Baijal) ने बृजपुरी रोड स्थित अरुण मॉडर्न स्कूल का दौरा किया। दंगाइयों ने इस स्कूल को हिंसा के दौरान जला दिया था।

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इस मौके पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पत्रकारों से कहा कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। स्कूल खुल गए हैं। क्षतिग्रस्त चीजों को ठीक किया जा रहा है और नुकसान की भरपाई भी की जा रही है। 

दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के इलाज में भेदभाव नहीं

दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के उपचार में भेदभाव के आरोपों को जीटीबी और लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल प्रशासन ने पूरी तरह से झूठा और हतोत्साहित करने वाला बताया है। अस्पताल प्रशासन ने यह स्पष्टीकरण तब जारी किया है, जब सोशल मीडिया सहित कई माध्यमों के जरिए अफवाह फैलाई जा रही थी कि अस्पताल में लोगों की जाति और धर्म पूछकर उपचार किया जा रहा है।

गुरु तेग बहादुर (जीटीबी)हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा कि जो लोग इस तरह की खबरें फैला रहे हैं, वह हमें हतोत्साहित करना चाहते हैं, लेकिन हम अपना काम पूरी तत्परता से बगैर भेदभाव के कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास आपातकाल में जो मरीज आते हैं, हम उनका नाम, जाति या पता नहीं पूछते हैं। हम तुरंत उनका इलाज शुरू कर देते हैं। जो लोग ऐसी बात कर रहे हैं उनकी मंशा गलत है।

वहीं लोकनायक जयप्रकाश नारायण हास्पिटल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर किशोर सिंह ने कहा कि गंभीर रूप से घायल या बीमार का नाम-पता पूछने से पहले हम उनकी हालत को देखकर उपयुक्त इलाज करते हैं। यह हमारा बुनियादी कर्तव्य है। हम कभी भी किसी भी मरीज का जाति या धर्म के आधार पर इलाज नहीं करते, बल्कि अपनी पूरी क्षमता से उसका उपचार करते हैं।

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