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Nirbhaya Case: नए डेथ वारंट पर बोलीं निर्भया की मां, उम्मीद है फांसी की यह आखिरी तारीख होगी

Nirbhaya Case निर्भया की मां ने चारों दोषियों को नया डेथ वारंट जारी होने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बेटी को जल्द न्याय मिलेगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 02:46 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 02:46 PM (IST)
Nirbhaya Case: नए डेथ वारंट पर बोलीं निर्भया की मां, उम्मीद है फांसी की यह आखिरी तारीख होगी
Nirbhaya Case: नए डेथ वारंट पर बोलीं निर्भया की मां, उम्मीद है फांसी की यह आखिरी तारीख होगी

नई दिल्ली, प्रेट्र। निर्भया की मां ने चारों दोषियों के खिलाफ नए डेथ वारंट जारी होने पर खुशी जाहिर की है।उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है फांसी की यह आखिरी तारीख होगी। जब तक फांसी नहीं होगी तब तक जंग जारी रहेगी। जब चारों दोषी फांसी पर लटक जाएंगे तभी शांति मिलेगी। 

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जानकारी के अनुसार, निर्भया की मां ने कहा कि दोषी फांसी से बचने के लिए कोई नया तरीका ढूढ़ सकते हैं। निर्भया की मां ने कहा कि जब तक चारों दोषियों को फांसी नहीं मिलेगी तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि बेटी निर्भया ने मरते वक्त कहा था कि सभी दोषियों को ऐसी सजा मिले ताकि कोई अन्य ऐसी घिनौनी हरकत दोबारा से न कर सके। 

भावुक हुईं निर्भया की मां और वकील

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को चौथी बार डेथ वारंट जारी किया। नए डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया की मां और वकील सीमा कुशवाहा भावुक हो गई। निर्भया की मां ने कहा कि चूंकि चार दोषियों ने सभी कानूनी उपायों को समाप्त कर दिया है इसलिए उम्मीद है कि उन्हें निर्धारित तारीख तक फांसी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि वह चारों दोषियों को फांसी पर लटकते हुए देखें।

दया याचिका का विकल्प समाप्त 

दरअसल दोषी पवन की दया याचिका को राष्ट्रपति द्वारा खारिज करने के साथ ही अब निर्भया के चारों दोषियों के पास अब राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका का विकल्प समाप्त हो चुका है। पवन हो या विनय या फिर मुकेश अथवा अक्षय सभी नई परिस्थितियों से घबराए हुए हैं। उनकी घबराहट को देखते हुए जेल अधिकारी समय समय पर उनसे बात कर उन्हें सामान्य करने में जुटे रहते हैं।

एनएचआरसी के हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका खारिज

चारों दोषियों की मानसिक व शारीरिक स्थिति की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को हस्तक्षेप करने का निर्देश देने की मांग से जुड़ी जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई से इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि याचिका का कोई आधार नहीं है।


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