Delhi Bus Service: बस स्टॉप पर देखते रह जाते हैं यात्री, निकल जाती हैं बसें
Delhi Bus Service बसों में 20 यात्रियों के ही सवार होने के आदेश के बाद से दिल्ली परिवहन निगम की बसों (डीटीसी) में 17 यात्रियों से ज्यादा नहीं बैठ सकते हैं क्योंकि एक सीट पर एक ही व्यक्ति बैठ सकता है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Delhi Bus Service: आज कल दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को लेकर ऐसी स्थिति है कि बस स्टॉप पर यात्री देखते रह जाते हैं और बसें आधी खाली होने पर भी आगे बढ़ जाती हैं, क्योंकि बस में 20 से अधिक सवारियों के बैठने की अनुमति नहीं है। इसके चलते बसों में पिछला गेट बंद कर दिया गया है। आगे के गेट पर बस मार्शल और कंडक्टर हिसाब लगाते हैं कि बस में सवारियां कितनी हैं। अगर किसी सीट पर एक भी यात्री नहीं होता है तो उसी सीट के लिए बस में चढ़ने की अनुमति दी जाती है, क्योंकि बस में एक सीट पर एक ही सवारी बैठ सकती है।
बसों में 20 यात्रियों के ही सवार होने के आदेश के बाद से दिल्ली परिवहन निगम की बसों (डीटीसी) में 17 यात्रियों से ज्यादा नहीं बैठ सकते हैं, क्योंकि एक सीट पर एक ही व्यक्ति बैठ सकता है। इसी तरह क्लस्टर सेवा की बसें लंबी होने के कारण उनमें 20 सवारियां बैठ जाती हैं।
कोरोना से बचाव का उपाय शारीरिक दूरी का पालन करना ही है। बस में शारीरिक दूरी के पालन के लिए पहले दिल्ली सरकार की ओर से डीटीसी बसों में 20 से ज्यादा सवारी नहीं बैठाने का आदेश जारी किया गया था। इस आदेश के बाद बसों में तो शारीरिक दूरी के लिए सख्ती कर दी गई है।लेकिन बसों के अभाव व बस में जगह न मिलने के कारण घंटों बस स्टॉप पर खड़े रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक यात्रियों का यह कहना है कि यह नियम समझ नहीं आ रहा है।
नंद नगरी 212 बस स्टैंड से बस पकड़ कर प्रतिदिन अशोक गुप्ता करोलबाग ड्यूटी पर जाते हैं। उनका कहना है कि जब ऑटो, टैक्सी और रिक्शा में पूरी सवारियां बैठाने की इजाजत है तो बसों में क्यों नहीं। वह कहते हैं कि क्या ऑटो, टैक्सी व रिक्शा में बैठने वाली सवारियों से कोरोना नहीं फैल सकता है। वह कहते हैं कि बाजारों में इतनी भीड़ है कि लोग एक दूसरे को छू कर निकल पाते हैं। क्या उनसे कोरोना नहीं फैल सकता। ऐसे में बसों में कम से कम सभी सीटों पर बैठने की अनुमति होनी चाहिए।
वहीं दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस पक्ष में नहीं हैं कि बसों में 20 सवारियों की सीमित संख्या अब रखी जाए। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि बसों में बैठने की क्षमता बढ़ाई जाए। इसे वह दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में भी उठा चुके हैं। मगर उपराज्यपाल की ओर से अभी अनुमति नहीं दी गई है।
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