मौत से 7 दिन पहले निर्भया ने जताई थी आखिरी इच्छा, कहा- मैं दरिंदों की गंदी छुअन को धोना चाहती हूं
मौत से पहले जब निर्भया के शरीर के अंगों ने भी काफी हद तक काम करना बंद कर दिया था वह बोल नहीं पा रही थी सांस लेने में परेशान थी। तब छोटी-छोटी पर्चियों से मां से बात कर रही थी।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। निर्भया अपने अंतिम समय में काफी कष्ट में थी तब अपनी परेशानी अपनी मां से शेयर कर रही थी। उसकी मां उसे हर संभव मदद करने की कोशिश कर रही थी। हालांकि वह ज्यादा दिन जी नहीं सकी। निर्भया ने मौत से सात दिन पहले अपनी आखिरी इच्छा मां को बताई थी। यह बात सामने आई है उसकी लिखी गई पर्ची से जो वह अपने मां को लिखकर दी थी। मौत के चंद दिन पहले निर्भया की हालत काफी ज्यादा खराब हो गई थी जिसके कारण वह बोल नहीं पा रही थी इस कारण वह अपनी मां को छोटी-छोटी पर्चियों में लिखकर दे रही थी।
मां को पर्ची लिखकर बयां किया था दर्द
इसी में से एक पर्ची को निर्भया ने अपनी मौत से चार दिन पहले अपनी मां को दिया था जिसमें निर्भया ने कहा था मां मैं नहाना चाहती हूं, मैं उन दरिंदों की छुअन को धोना चाहती हूं। मां मैं कई दिनों तक झरने के नीचे बैठ कर नहाना चाहती हूं। उसने बताया कि उन दरिंदों की छुअन के कारण मुझे अपने ही शरीर से नफरत हो गई है। आप कही मत जाना मां, मुझे डर लग रहा है। अकेले में डर लगता है।
काफी अंगों ने काम करना किया था बंद तब लिखी थी पर्चियां
बता दें कि निर्भया की हालत ज्यादा खराब होने के कारण उसे काफी अफरातफरी के बीच विदेश भेज कर इलाज कराया गया। हालांकि उस वक्त देश दुनिया में निर्भया के गुनहगारों के खिलाफ काफी ज्यादा गुस्सा लोगों के मन में था इस कारण सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। उसकी हालत कभी काफी खराब थी। निर्भया के शरीर के अंगों ने भी काफी हद तक काम करना बंद कर दिया था। वह बोल नहीं पा रही थी, सांस नहीं ले पा रही थी। उस वक्त वह छोटी-छोटी पर्चियों पर वह अपनी बात लिखकर डॉक्टरों और मां को दे रही थी। इन्हीं पर्चियों में निर्भया ने अपनी तकलीफ और दर्द बयां किया। इन पर्चियों ने गुनाहगारों के लिए मौत की सजा निर्धारित करने में भी अहम भूमिका निभाई। बता दें कि 29 दिसबंर को निर्भया की मौत हो गई थी। यह पर्ची उसने 22 दिसंबर को लिखी थी।
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