दिल्ली में जल्द दूर होगी जलापूर्ति व सीवरेज संबंधी समस्या
राजधानी दिल्ली में भूजल की अधिकतम क्षमता के इस्तेमाल के लिए पल्ला में यमुना के खादर क्षेत्रों में 200 ट्यूबवेल लगाने को भी जलबोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की है। चरणबद्ध तरीके से ये ट्यूबवेल लगाने की योजना है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जलापूर्ति और सीवरेज नेटवर्क के संचालन, रखरखाव और प्रबंधन के लिए दिल्ली सरकार ने निजी ऑपरेटरों को अनुबंध देने का निर्णय किया है। दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में लिया गया यह फैसला सर्वथा उचित है। इससे उम्मीद की जानी चाहिए कि जलापूर्ति व सीवरेज संबंधी व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपेक्षित मदद मिलेगी। एक क्षेत्र एक ऑपरेटर की तर्ज पर यह अनुबंध दस वर्षों के लिए दिया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक ऑपरेटर दिल्ली के एक तय हिस्से में अपनी सेवाएं देगा। अनुबंधित निजी ऑपरेटर की जवाबदेही तय होगी, जिससे उससे बेहतर सेवाएं मिलने की पूरी उम्मीद की जा सकती है। इसके साथ ही जल बोर्ड ने पानी और सीवर के कनेक्शन के लिए ऑनलाइन या हेल्पलाइन के जरिये आवेदन करने को भी मंजूरी दी है। आवेदन की प्रक्रिया सरल होने से दिल्लीवासियों को पानी या सीवर का कनेक्शन लेने में आसानी हो सकेगी, जो यकीनन स्वागतयोग्य है।
गौरतलब है कि दिल्ली में भूजल की अधिकतम क्षमता के इस्तेमाल के लिए पल्ला में यमुना के खादर क्षेत्रों में 200 ट्यूबवेल लगाने को भी जलबोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की है। चरणबद्ध तरीके से ये ट्यूबवेल लगाने की योजना है, जिससे करीब 30 एमजीडी भूजल दोहन बढ़ सकेगा, जो निश्चित तौर पर दिल्लीवासियों की पानी की समस्या को कम करने में मददगार साबित होगा। जहां एक ओर यमुना खादर क्षेत्रों में अधिकतम भूजल दोहन की दिशा में काम कर पानी की समस्या को न्यूनतम करने की कोशिश करने की आवश्यकता है, वहीं भूजल स्तर ऊंचा उठाने की दिशा में भी ठोस पहल की जानी चाहिए। इस दिशा में दिल्ली सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, जिन्हें और तेज किए जाने की जरूरत है। साथ ही राजधानी में अवैध रूप से चलाए जा रहे बोरवेल पर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अवैध रूप से हो रहा भूजल दोहन रोका जा सके। यदि यह संभव होता है तो दिल्ली में पानी की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
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