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Farmer Protests: सिंघु व टीकरी बॉर्डर पर तैनात RAF किसी भी परिस्थिति से निपटने को मुस्तैद, जानें इस फोर्स के बारे में

Farmer Protests आरएएफ की तैनाती संवेदनशील मामलों में ही की जाती है। इन सुरक्षा बलों का इस्तेमाल दंगों संवेदनशील स्थितियों पर नियंत्रण भीड़ नियंत्रण बचाव कार्यों और संबंधित अशांति जैसे मामले से निपटने के लिए किया जाता है

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 01:20 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 01:34 PM (IST)
Farmer Protests: सिंघु व टीकरी बॉर्डर पर तैनात RAF किसी भी परिस्थिति से निपटने को मुस्तैद, जानें इस फोर्स के बारे में
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर तैनात RAF

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बॉर्डर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन लगातार 20 दिन से जारी है। इस बीच सुरक्षा के मद्देनजर सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (Rapid Action Force) यानी आरएएफ को तैनात किया गया है। आइए जानते हैं क्या है रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और इसकी तैनाती कब जाती है। सिंघु बॉर्डर पर अतिरिक्त सुरक्षा बल के साथ आरएएफ की तैनाती के क्या मायने निकाले जा रहे हैं।

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देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए रैपिड एक्शन फोर्स का गठन 11 दिसंबर 1991 को केंद्र सरकार ने किया था। सात अक्टूबर 1992 को यह पूरी तरह से कार्य करना शुरू किया था। आरएएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रति जवाबदेह होता है यानी गृह मंत्रालय के निर्देश पर ही इसकी तैनाती की जाती है। आरएएफ की कमान नई दिल्ली में कार्यरत एक पुलिस महानिरीक्षक (IGP) द्वारा की जाती है।

सीआरपीएफ का ही अंग है आरएएफ
यह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का ही एक अंग है। आरएएफ के पास नीले रंग की एक विशिष्ट वर्दी है, जो शांति का प्रतीक है। इसका आदर्श वाक्य 'सेंसिटिव पुलिसिंग के साथ मानवता की सेवा' है। वर्तमान में इसमें 15 विशेष प्रशिक्षित और सुसज्जित बटालियन हैं, जिनकी संख्या सीआरपीएफ में 99 से 108 है। प्रत्येक बटालियन का नेतृत्व कमांडेंट रैंक का अधिकारी करता है।

कब होती है रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती
रैपिड एक्शन फोर्स (Rapid Action Force) यानी आरएएफ की तैनाती संवेदनशील मामलों में ही की जाती है। इन सुरक्षा बलों का इस्तेमाल दंगों, संवेदनशील स्थितियों पर नियंत्रण, भीड़ नियंत्रण, बचाव कार्यों और संबंधित अशांति जैसे मामले से निपटने के लिए किया जाता है। इस बल के पास दंगा नियंत्रण यंत्र और आंसू गैस के गोले होते हैं। महिला प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए महिला जवानों की टीम भी है।

आरएएफ के बारे में बताया जाता है कि यह फोर्स बिना समय गंवाए बेहद कम समय में दंगा जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए समक्ष है। इसका मुख्य काम जनता के बीच यह विश्वास पैदा करना है कि वह सुरक्षित हैं, उनको किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही होने दी जाएगी। उपद्रवी पर कार्रवाई के लिए वह तैनात हैं। आरएएफ की तैनाती से उपद्रवी कांप उठते हैं। इस बल पास वे सारे अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल उपद्रवी के खिलाफ किया जा सकता है।

बता दें कि आरएएफ की बटालियन दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोयंबटूर, मेरठ, अलीगढ़, प्रयागराज (इलाहाबाद) भोपाल और जमशेदपुर में है। इसके अलावा देश अन्य शहरों में भी पांच बटालियन है। जरुरत पड़ते पर इन्हें संवेदनशील जगहों पर तैनात किया जाता है।

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