दिल्ली के जीवितेश बने छोटी उम्र के बड़े वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, जीत चुके हैं कई अवॉर्ड
जीवितेश छोटी उम्र के बड़े वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बन गए हैं। पांच वर्ष की आयु से ही जीवितेश हाथों में कैमरा थामकर प्रकृति की सुंदर तस्वीरों को कैद करने लगे थे और अब तक वह फोटोग्राफी में कई पुरस्कार अपने नाम दर्ज कर चुके हैं।
नई दिल्ली [रितु राणा]। लक्ष्मी नगर में रहने वाले 14 वर्षीय जीवितेश छोटी उम्र के बड़े वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बन गए हैं। पांच वर्ष की आयु से ही जीवितेश हाथों में कैमरा थामकर प्रकृति की सुंदर तस्वीरों को कैद करने लगे थे, और अब तक वह फोटोग्राफी में कई पुरस्कार अपने नाम दर्ज कर चुके हैं। वहीं, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, जंगल, वन्य जीवों, पक्षियों व उनके आवासों को बचाने के लिए जीवितेश अपने द्वारा खींची गई तस्वीरों को स्कूल, कालेज व सरकारी विभागों में दान करने के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं। जीवितेश कहते हैं कि हम कैमरे से बोलते हैं, इसलिए उनकी तस्वीरें बहुत कुछ बयां करती हैं। जीवितेश को जंगल, वन्य जीव व पक्षियों की फोटो खींचने का बहुत शौक है और अब इस शौक को उन्होंने अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं।
जीवितेष के पिता डा. विक्रम सिंह ने बताया कि जीवितेश राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कई बड़ी प्रदर्शनियों में भाग ले चुके हैं। राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में उन्होंने ग्रुप कला प्रदर्शनी में गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुके हैं। जीवितेष मौसम विहार स्थित एसएलएस डीएवी पब्लिक स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ते हैं।
जीवितेश की कई तस्वीरें गृह मंत्रालय के एनआइए मुख्यालय में स्थायी रूप से रखी गई हैं। यह तस्वीरें उन्होंने देश से सैनिकों के प्रति सम्मान के रूप में भेंट की हैं। इसके लिए जीवितेश को एनआइए के डीजी द्वारा प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया गया है।
जीवितेश को 11 वर्ष की उम्र में इंडिया बुक आफ रिकार्ड द्वारा यंगेस्ट वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर आफ इंडिया का खिताब भी दिया जा चुका है। असिस्ट बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उन्हें यंगेस्ट बर्ड फोटोग्रफर, ग्लोबल रिकॉर्ड्स एंड रिसर्च फाउंडेशन ने यंगेस्ट वाइल्डलाइफ फोटोग्रफर का खिताब दिया है। वहीं, हाल में उन्हें वन्यजीवों की फोटोग्राफी में इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया है। जीवितेश की इस सफलता पर परिवार को लोग काफी खुश हैं।
प्रकृति प्रेम के चलते वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के प्रति बढ़ी रूचि
जीवितेश को प्रकृति, पशु व पक्षियों से काफी लगाव है। उन्हें पार्क व जंगलों में घूमकर पशु व पक्षियों और पेड़ पौधों की तस्वीरें खींचना बहुत पसंद है। उनके इस शौक को उनले पिता डा. विक्रम सिंह ने समझा और जिस छोटी सी उम्र में दूसरे माता पिता अपने बच्चों के हाथ मे कॉपी, किताबें थमा देते हैं। उस उम्र में उन्होंने जीवितेश के हाथों में कैमरा थमा दिया।
उन्होंने हमेशा अपने बच्चे को उसके सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया और सहयोग भी किया। जिस कारण आज जीवितेश छोटी से उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहे हैं।
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