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नजफगढ़ नाले की सफाई में इजरायल की कंपनी करेगी मदद

दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा का कहना है कि पहले चरण में नाले के आठ किलोमीटर के हिस्से भलस्वा से सूरघाट तक को साफ किया जाएगा।

By Amit MishraEdited By: Published: Fri, 10 Feb 2017 02:41 PM (IST)Updated: Fri, 10 Feb 2017 03:32 PM (IST)
नजफगढ़ नाले की सफाई में इजरायल की कंपनी करेगी मदद
नजफगढ़ नाले की सफाई में इजरायल की कंपनी करेगी मदद

नई दिल्ली [जेएनएन]। यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने में आड़े आ रहे नजफगढ़ नाले की सफाई में दिल्ली सरकार इजरायल की कंपनी की मदद लेगी। नजफगढ़ नाले की सफाई का मुद्दा बड़ा रहा है। आम आदमी पार्टी की सरकार के सामने भी इस नाले की सफाई बड़ी चुनौती थी।

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पिछले दिनों दिल्ली जल बोर्ड ने नाले की सफाई के लिए कंपनियों की तलाश शुरु की तो आयला वाटर एंड इकोलॉजी लिमिटेड नाम की कंपनी ने इसमें रुचि दिखाई है। जल्द ही इजरायल की यह कंपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल बोर्ड को सौंपेगा।

दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा का कहना है कि पहले चरण में नाले के आठ किलोमीटर के हिस्से भलस्वा से सूरघाट तक को साफ किया जाएगा। इसके साथ ही सीवरेज सिस्टम, गाद निस्तारण, नाले के दोनों तरफ हरियाली विकसित आदि कार्य कंपनी करेगी।

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कंपनी द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद चार महीने के भीतर इस योजना पर काम शुरु हो जाएगा। उक्त कंपनी को ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने ऋषिकेश के समीप गंगा नदी की सफाई योजना का काम सौंपा है। इसके अलावा हैदराबाद और बेंगलुरु में झील को साफ सुथरा बनाने में कंपनी काम कर रही है।

दिल्ली में तीन बड़े नाले नजफगढ़ ड्रेन, शाहदरा ड्रेन व बारापुला ड्रेन से निकलने वाला गंदा पानी यमुना में जाकर मिलता है। जोकि यमुना के प्रदूषित होने का अहम कारण है। वर्ष 2012 में तत्कालीन सरकार ने इन नालों की सफाई को लेकर आइआइटी दिल्ली से संपर्क साधा है। लेकिन आइआइटी द्वारा तैयार न्यू ड्रेनेज मास्टर प्लान पर सरकार ने तब विचार नहीं किया। मौजूदा सरकार शहर के लिए तैयार इस ड्रेनेज मास्टर प्लान पर भी काम कर रही है।

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यमुना को प्रदूषण मुक्त करने और इसके किनारों के सौंदर्यीकरण के लिए दिल्ली सरकार ने पिछली बार एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की तर्ज पर एक विशेष निगम के गठन की मांग की थी। जिसके अंतर्गत यमुना से संबंधित सभी आवश्यक एजेंसियां को लाया जाए और सिंगल विंडो के जरिए यमुना को प्रदूषण मुक्त करने का कार्य शुरू किया जाए।

दो दशक से भी अधिक समय से यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने की बातें हो रही है। कई हजार करोड़ रुपये इस नाम पर खर्च हो गए लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। जब एक शहर के नालों की सफाई नहीं की जाएगी सफल परिणाम सामने नहीं आएंगे।


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