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    'आप' में जारी है घमासान, बगावत के बीच नेताओं को है कुमार पर विश्वास!

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Mon, 01 May 2017 10:00 PM (IST)

    कई विधायक कुमार विश्वास को 'आप' का राष्ट्रीय संयोजक बनाने के लिए लामबंद हैं तो वहीं कुछ सीएम केजरीवाल के पक्ष में बयान देकर कद बढ़ाने का मौका नहीं छोड़ना चाह रहे हैं।

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    'आप' में जारी है घमासान, बगावत के बीच नेताओं को है कुमार पर विश्वास!

    नई दिल्ली [जेएनएन]। नगर निगम चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी में घमासान शुरू हो गया है। बगावत के सुर तेज होते जा रहे हैं और पार्टी के नेता एक दूसरे पर जुबानी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। घमासान के केंद्र में कुमार विश्वास आ गए हैं और यह कहना गलत नहीं होगा कि दो साल पहले दिल्ली में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता तक पहुंची आम आदमी पार्टी बिखरती नजर आ रही है।    

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    हाल ही में 'आप' विधायक अमानतुल्ला खान ने जिस तरह से पार्टी के बड़े नेता कुमार विश्वास पर हमला किया किया उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी भितरघात की शिकार है। सबसे बड़ी बात यह रही कि कुमार पर हुए हमले का बचाव करने के लिए खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगे आना पड़ा और यह कहना पड़ा कि कुमाप विश्वास उनका छोटा भाई है और कुछ लोग रिश्तों में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। 

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    बात यहीं थमी सीए केजरीवाल के बाद 'आप' सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने भी अमानतुल्ला पर तीखे वार किए और आरोप लगा दिए कि अमानतुल्ला पार्टी को चुनाव हराने की साजिश रचते रहे हैं। कपिल ने तो यहां तक कह दिया कि यदि अमानतुल्ला खान कुमार विश्वास पर दिए गए बयान पर माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।  

    हार से कमजोर पड़े केजरीवाल

    पंजाब व गोवा विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी जीत का दावा कर रही थी, लेकिन नतीजों ने साबित कर दिया कि अच्छे दिनों के लिए 'आप' को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। राजौरी गार्डन के उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई जबकि एमसीडी चुनाव में तो पार्टी की और भी बुरी गत हुई और तीनों एमसीडी में मिलाकर भी वो 50 पार्षदों का आंकड़ा नहीं छू सकी। हार के बाद केजरीवाल ने जनता से भले ही माफी मांग ली हो लेकिन उनकी खुद की पार्टी के नेता उन्हें बख्शने के मूड में नहीं हैं। 

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    अब 'आप' की सियासी रुख भी यहीं से बदलता नजर आ रहा है। पार्टी के कई विधायक कुमार विश्वास को 'आप' का राष्ट्रीय संयोजक बनाने के लिए लामबंद नजर आ रहे हैं तो वहीं कुछ विधायक सीएम केजरीवाल के पक्ष में बयान देकर अपना कद बढ़ाने का मौका नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। इस बीच कुमार विश्वास के घर 'आप' के कई बड़े नेता भी पहुंचे।  

     

    अमानतुल्ला खान के बयान के बाद आम आदमी पार्टी के सामने मुश्किल और बढ़ गई है। अमानतुल्ला खान की तरफ से कुमार विश्वास पर लगाए गए आरोप को लेकर 'आप' नेता विश्वास के घर पहुंचे। कुमार के घर पहुंचने वालों में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व संजय सिंह शामिल हैं। गाजियाबाद वसुंधरा स्थित विश्वास के घर पर विधानसभा स्पीकर राम नरेश गोयल, मंत्री कपिल मिश्रा, विधायक अलका लांबा सहित कई विधायक भी पहुंचे। 

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    विकल्प हैं कुमार विश्वास

    माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के कई नेता केजरीवाल को पार्टी और सरकार पर एकछत्र राज करने देने के मूड में नहीं हैं। लगातार हार के बाद अब आवाज उठ रही हैं कि पार्टी और सरकार के कामकाज के लिए अलग-अलग चेहरों को आगे किया जाए।

    बताया जाता है कि पार्टी के कई नेता चाहते हैं कि केजरीवाल दिल्ली की सरकार चलाएं जबकि पार्टी चलाने का जिम्मा किसी दूसरे नेता को दिया जाए। दूसरे नेता के रोल के लिए सबसे आगे कुमार विश्वास का नाम चल रहा है। 

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    'आप' के टुकड़े 

    अब कुल मिलाकर स्थिति ये है कि आम आदमी पार्टी के तमाम नेता केजरीवाल और कुमार विश्वास के पक्ष में लमबंद होते जा रहे हैं। दिल्ली की विधायक अलका लांबा ने कुमार विश्वास के खिलाफ बयान देने के लिए अमानतुल्ला पर कार्रवाई की मांग कर दी है।

    पंजाब के भी सभी 'आप' विधायक कुमार विश्वास के समर्थन में आ गए हैं और उन्होंने केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर अमानतुल्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। केजरीवाल भले ही कुमार विश्वास को अपना छोटा भाई बता रहे हों लेकिन सच यह भी है कि कुमार विश्वास को पार्टी में अबतक वह रुतबा हासिल नहीं है जिसके वो हकदार हैं। 

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    जब अमेठी में अकेले पड़ गए कुमार विश्वास

    लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में कुमार विश्वास तो वाराणसी में अरविंद केजरीवाल मैदान में थे। 'आप' के तमाम छोटे बड़े नेता केजरीवाल का प्रचार करने वाराणसी तो पहुंचे लेकिन अमेठी से सबने दूरी बनाए रखी और कुमार विश्वास को अकेले छोड़ दिया।

    हालत यहां तक बन गए कि कुमार विश्वास को खुलकर इसके प्रति नाराजगी जतानी पड़ी तब केजरीवाल अमेठी प्रचार करने पहुंचे। खुद विश्वास ने चुनाव के बाद एक इंटरव्यू में तंज कसा था कि अमेठी में बनारस की तरह घाट और घूमने के लिए होटल नहीं थे शायद इसीलिए कोई नेता यहां नहीं पहुंचा।  

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