कोरोना काल में मुनाफा कमाकर सबसे अमीर महिला बनीं रोशनी नादर मल्होत्रा
गुरुवार को कोटक वेल्थ हुरून इंडिया ने 2020 की सबसे अमीर महिलाओं की सूची जारी की। 54850 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ रोशनी नादर मल्होत्रा शीर्ष पर हैं। वे एचसीएल कॉर्पोरेशन की एग्जीक्युटिव डायरेक्टर और सीईओ हैं। इससे इतर रोशनी की एक और पहचान भी है।
जागरण टीम, नई दिल्ली। 27 साल की उम्र में रोशनी नादर मल्होत्रा जब पिता की कंपनी एचसीएल टेक्नोलाजीस की सीईओ बनी, तब औद्योगिक दुनिया ने पहली बार उनका नाम सुना था। अब एक बार फिर देश की सबसे अमीर महिला चुनी जाकर चर्चा में आ गई हैं। उनके पास 54,850 करोड़ रुपये की संपत्ति है। पिछले साल फोब्र्स ने जब दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची प्रकाशित की तो उसमें भी रोशनी 54वें स्थान पर थीं। वे इस सूची में लगातार 2017 से 2019 तक बनी रहीं।
दिल्ली में पली बढ़ी रोशनी के पिता आइटी कंपनी एचसीएल के फाउंडर शिव नादर हैं। उनकी स्कूली शिक्षा दिल्ली के ही वसंत वैली स्कूल से हुई। यूएस की नार्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के बाद उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर किया। वे पत्रकारिता में भी खासी रुचि रखती हैं। विदेश में रहने के दौरान उन्होंने सीएनएन और स्काई न्यूज जैसे ख्यात मीडिया हाउस के साथ काम किया। उन्होंने न्यूज डेस्क संभाला।
2009 में वे भारत लौट आईं और उसके बाद पिता की कंपनी की कमान संभाली। तब वे महज 27 साल की थीं। उस वक्त भी उनके नाम एक रिकॉर्ड कायम हुआ कि वे किसी आइटी कंपनी की जिम्मेदारी संभालने वाली पहली महिला लीडर बनीं। शादी के बाद नई उड़ान : साल 2010 में रोशनी ने अपनी ही कंपनी के हेल्थकेयर में वाइस चेयरमैन शिखर मल्होत्रा से शादी की। इसके बाद उनके करियर का दूसरा दौर शुरू हुआ। उनकी अगुवाई में एचसीएल ने और प्रगति की।
कोरोना के दौर में भी मुनाफा : कोरोना के दौर में जहां कंपनियां डूबने लगी हैं, उस दौर में भी एचसीएल का तिमाही मुनाफा 31.7 फीसदी बढ़कर 2,925 करोड़ रुपये हो गया है। इसका श्रेय रोशनी के नेतृत्व क्षमता को मिला। इसी साल कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन शिव नादर ने पद से इस्तीफा देने का मन बनाया तो डायरेक्टर्स ने सर्व सम्मति से रोशनी को इस पद के उपयुक्त मानते हुए चेयरपर्सन चुन लिया। रोशनी को वाइल्ड लाइफ और पर्यवरण में गहरी दिलचस्पी है। 2018 में उन्होंने द हैबिटेट्स ट्र्स्ट की नींव रखी। इसका मकसद वन और वन्य जीवों की रक्षा करना है। ताकि कोई भी वनस्पति या जीव-जंतु विलुप्त न हो।
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