Move to Jagran APP

Hanuman Temple Construction: चांदनी चौक का हनुमान मंदिर बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे भक्त

दिल्ली के चांदनी चौक में गत तीन जनवरी को ढहाए गए हनुमान मंदिर के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। याचिकाकर्ताओं ने स्वयं को हनुमान भक्त बताते हुए पांच दशक पुराना हनुमान मंदिर तोड़े जाने से धार्मिक भावनाएं आहत होने की बात कही है

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 09:52 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 12:40 PM (IST)
Hanuman Temple Construction: चांदनी चौक का हनुमान मंदिर बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे भक्त
हनुमान मंदिर के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली के चांदनी चौक में गत तीन जनवरी को ढहाए गए हनुमान मंदिर के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। याचिकाकर्ताओं ने स्वयं को हनुमान भक्त बताते हुए पांच दशक पुराना हनुमान मंदिर तोड़े जाने से धार्मिक भावनाएं आहत होने की बात कही है। मंदिर तोड़ने को हरी झंडी देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका में तोड़े गए हनुमान मंदिर को चांदनी चौक में ही सुंदरीकरण योजना के तहत दोबारा स्थापित करने की मांग की गई है।

loksabha election banner

पांच दशक पुराना मंदिर ढहाने के खिलाफ दायर की याचिका

सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दिल्ली के रहने वाले जितेंद्र सिंह सहित चार लोगों ने वकील विष्णु शंकर जैन के जरिये दाखिल की है। याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के 30 अप्रैल, 2015 और 20 नवंबर, 2020 के आदेश को चुनौती दी गई है। 30 अप्रैल, 2015 को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को चांदनी चौक में अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश दिया था। 20 नवंबर, 2020 को हाई कोर्ट ने श्री मनोकामना सिद्ध श्री हनुमान सेवा समिति की मंदिर बचाने के लिए दाखिल अर्जी खारिज कर दी थी। 

कहा, गलत तरीके से गिराया गया, धार्मिक भावनाएं हुई आहत

याचिका में कहा गया है कि मंदिर ढहाने से पहले कानून में तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिससे याचिकाकर्ताओं के पूजा के अधिकार बाधित हुए हैं। हाई कोर्ट ने आदेश देते वक्त इस पर ध्यान नहीं दिया कि वह मंदिर पांच दशक पुराना था। कहा गया है कि दिल्ली सरकार और नगर निगम को इम्प्रूवमेंट स्कीम सहित मास्टर प्लान और जोनल प्लान तैयार करने का अधिकार है। प्रविधानों के मुताबिक दिल्ली सरकार और नगर निगम सुंदरीकरण और इम्प्रूवमेंट योजना में इस मंदिर को समायोजित कर सकते थे। 

इस मामले में धार्मिक समिति ने नई सुंदरीकरण योजना में इस मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों को समायोजित करने की योजना तैयार की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इन प्रविधानों पर ध्यान दिए बगैर कह दिया कि धार्मिक कमेटी को सुंदरीकरण योजना में धार्मिक स्थलों को शामिल करने का अधिकार नहीं है। याचिका में हाई कोर्ट के आदेशों को रद करने की मांग की गई। हनुमान मंदिर को फिर स्थापित करने का अंतरिम आदेश भी मांगा गया है। दिल्ली सरकार और नगर निगम को चांदनी चौक सुंदरीकरण योजना लागू करने से रोकने की मांग की गई है।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.