ग्रेटर कैलाश-2 के बेसमेंट में पानी भरने की समस्या से मुक्ति की जगी उम्मीद
जिला प्रशासन ने स्थानीय निवासी श्याम सुंदर कालरा की मांग पर केंद्रीय भूमि जल बोर्ड व दिल्ल जल बोर्ड के विज्ञानियों से परामर्श के बाद 60 फीट गहरा एक टेस्ट बोर लगाने की अनुमति दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ग्रेटर कैलाश-2 के एम, ई व एस ब्लॉक के बेसमेंट में पानी भरने की समस्या से मुक्ति की कुछ उम्मीद जगी है। दक्षिण-पूर्वी जिला प्रशासन ने यहां पर ट्रायल के रूप में एक डिल करने की अनुमति प्रदान कर दी है। जिला प्रशासन ने स्थानीय निवासी श्याम सुंदर कालरा की मांग पर केंद्रीय भूमि जल बोर्ड व दिल्ल जल बोर्ड के विज्ञानियों से परामर्श के बाद 60 फीट गहरा एक टेस्ट बोर लगाने की अनुमति दी है। इसका पूरा खर्च स्थानीय आरडब्ल्यूए को ही उठाना होगा। स्थानीय लोगों ने यहां कुल पांच जगह डिल बनाने की मांग की थी। इस टेस्ट बोर का परिणाम देखने के बाद ही यह तय होगा कि बाकी चार बोर की अनुमति दी जाएगी या नहीं।
जिला प्रशासन ने कहा है कि जीके-2 सबसे निचले इलाके में यह बोर लगाया जाए। दरअसल, बेसमेंट में पानी भरने की समस्या को देखते हुए कॉलोनी के लोगों ने एक निजी एजेंसी से भी इसकी रिपोर्ट तैयार करवाई थी। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जीके-2 अरावली पहाड़ी के निचले क्षेत्र में बसा है। इसके नीचे की जमीन काफी पथरीली है।
पहाड़ी के ऊपरी भाग की ओर से आ रहे पानी के बहाव में अवरोध पैदा होने के कारण जमनी के नीचे 15 फीट पर पानी जमा हो गया है। यह एक तरह से तालाब का रूप ले चुका है। 12 इंच व्यास की 150 से 250 फीट गहरा डिल करके यह पानी नीचे पहुंचाया जा सकता है। एक डिल पर करीब सवा लाख रुपये का खर्च आएगा। चूंकि पानी की वजह से लोगों के घरों की दीवारों व फर्श में दरार आ रही है इसलिए लोग अपने खर्च पर भी डिल करवाने के लिए तैयार हैं।
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