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दक्षिणी निगम बजट से मिली खुशखबरी, नहीं बढ़ेगा संपत्तिकर, दो साल का कन्वर्जन शुल्क माफ

मंगलवार को स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोट ने प्रस्तावों को अंतिम रूप देते हुए निगमायुक्त के करों में वृद्धि के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। साथ ही दो वर्ष का कन्वर्जन शुल्क माफ कर दिया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 10:56 AM (IST)
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोट ने पेश किया बजट

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दक्षिणी दिल्ली इलाके में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर हैं। निगमायुक्त द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट में प्रस्तावित संपत्तिकर की दरों में वृद्धि 2 से पांच फीसदी के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। मंगलवार को स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोट ने प्रस्तावों को अंतिम रूप देते हुए निगमायुक्त के करों में वृद्धि के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। साथ ही दो वर्ष का कन्वर्जन शुल्क माफ कर दिया है। सदन की विशेष बैठक में गहलोट ने वर्ष 2020-21 के लिए संशोधित बजट अनुमान व वर्ष 2021-22 के प्रस्तावित बजट अनुमान पेश किए। इस दौरान उन्होंने रिहायशी और व्यावसायिक संपत्तियों से लेकर विशेष छूट के दायरे में आने वाली संपत्तियों के करों में वृद्धि और छूट खत्म करने वाले प्रस्तावों को निरस्त कर दिया है। हालांकि संपत्ति हस्तांतरण में एक फीसद शिक्षा उपकर लगाने का प्रस्ताव जारी रहेगा उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त ने अपने बजट में रिहायशी संपत्तियों के कर की दर में 2 से पांच फीसद समेत व्यावसायिक संपत्तियों में पांच फीसद की वृद्धि का प्रस्ताव किया था।

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ऐसे समझे कन्वर्जन शुल्क के माफी का गणित

राजदत्त गहलोट ने उन व्यावसायिक संपत्ति मालिकों के लिए दो साल का कन्वर्जन शुल्क माफ करने का ऐलान किया है जिन्होंने अभी तक चार किश्त कन्वर्जन शुल्क की दे दी हैं। गहलोट ने बताया कि अभी तक दो तरीके से कन्वर्जन शुल्क लिया जाता है। इसमें एक बार कन्वर्जन शुल्क आठ वर्ष का देना होता था वहीं प्रत्येक वर्ष किस्तों पर कन्वर्जन शुल्क देना हैं तो 10 वर्ष का जमा करना होगा। अध्यक्ष के मुताबिक जिसने अब तक कन्वर्जन के लिए 1 से 4 किश्त जमा कर दी है उन्हें चार और वर्ष का ही कन्वर्जन शुल्क देना होगा। चार से अधिक किश्त जमा करने वालों को दस वर्ष तक ही कन्वर्जन शुल्क जमा करना होगा। गहलोट ने बताया कि इससे एक लाख से ज्यादा संपत्ति मालिकों को लाभ होगा।

विज्ञापन से जितनी होगी आय उसका 25 फीसद होगा प्रचार प्रसार पर खर्च

निगम की योजना को जन-जन तक पहुंचाने के लिए निगम के प्रचार निदेशालय को फंड की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए स्थायी समिति ने विज्ञापन से होने वाली आय का 25 फीसद फंड प्रचार प्रसार पर खर्च करने का प्रस्ताव दिया है। उल्लेखनीय है कि अभी निगम के सूचना एवं प्रचार निदेशालय का सालाना पांच करोड़ का फंड आवंटित होता है। गहलोट ने बताया कि जनता को जागरुक करने के लिए प्रचार प्रसार को बढ़ाना जरुरी है।

100 फीसद कूड़े का निस्तारण तो मिलेगा दस लाख फंड

गहलोट ने स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए रिहायशी कॉलोनियों, बाजारों और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लिए विशेष योजना की घोषणा की है। योजना के तहत अपने इलाके का 100 फीसद कूड़े का निस्तारण करने वाली रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन(आरडब्ल्यूए) और मार्केट एसोसिएशन को 10 लाख रुपये का फंड दिया जाएगा। इस फंड का उपयोग कॉलोनी या मार्केट के विकास के लिए उपयोग किया जा सकेगा। इसके लिए पांच करोड़ के फंड का प्रावधान किया गया है।

सभी टोल नाके होंगे आरएफआइडी से लैस

बजट में सभी टोल नाकों को आएफआइडी टैग (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस) से लैस करने की घोषणा की है। फिलहाल 13 टोल नाकों पर यह व्यवस्था है। व्यावसायिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश के लिए आरएफआइडी टैग का होना अनिवार्य होगा। इससे वाहनों के प्रवेश के सही आंकड़े निगमों के पास होंगे।

-सफाई कर्मचारियों को ट्रैक सूट के साथ स्पोर्ट्स जूते दिए जाएंगे।

-सभी कर्मचारियों को आधुनिक पहचान पत्र दिया जाएगा।

-साप्ताहिक बाजारों के लिए नए स्थानों की पहचान की जाएगी।

-दो नए समुदाय भवनो का निर्माण किया जाएगा

-पार्कों में योग की कक्षाएं लगाई जाएगी। इसके लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति भी की जाएगी।

-मृत एवं असहाय पशुओं को पकड़ने के लिए मोबाइल एप का निर्माण किया जाएगा

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