Delhi: बारापुला सूर्यघड़ी के लोगों के लिए खुशखबरी, जल्द बनकर तैयार होगा पार्क; लगेंगे 12 हजार पौधे
पदाधिकारी ने बताया कि इस पार्क में आकर लोग मनोरंजन व शुद्ध ताजा हवा के साथ ही प्रकृति व देशज पेड़-पौधों के बारे में ज्ञानवर्धक जानकारियां भी हासिल कर सकेंगे। इस पार्क का सबसे ज्यादा फायदा छात्र-छात्राओं को मिलेगा।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। दक्षिणी दिल्ली के लोगों को जल्द ही एक हरा-भरा पार्क मिलने वाला है। बारापुला सूर्यघड़ी के पास पार्क में तेजी से काम चल रहा है। उम्मीद है कि छह माह में काम पूरा हो जाएगा। इस पार्क में 50 देशज प्रजाति के पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। दो एकड़ में बनने वाले इस पार्क में 12 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। मरुवन फाउंडेशन एनजीओ की ओर से यह पार्क विकसित किया जा रहा है।
मरुवन एनजीओ के एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्क में पत्थर की सुंदर बेंच भी लगाई जाएंगी। पूरी तरह से विकसित हो जाने के बाद बारापुला के लूप से होकर आने-जाने वाले लोगों को भी यह खूब आकर्षित करेगा। वहीं, डीएनडी फ्लाइवे पर होने के कारण इसमें दिल्ली के अलावा नोएडा के लोगों को भी यहां आने-जाने में आसानी होगी।
ट्रायल के रूप में लगाए थे 2200 पौधेएनजीओ के एक पदाधिकारी ने बताया कि दिल्ली में देसी पेड़ों का जंगल तैयार करने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। दो साल पहले डीडीए ने ट्रायल के रूप में यहां पर पौधे लगाने की अनुमति दी थी। तब 700 वर्ग मीटर में 2200 पौधे लगाए गए थे। आज ये पौधे बड़े होकर पेड़ बन गए हैं। इनमें पलाश, कैम (कृष्ण कदम), देसी बबूल, बेलपत्र, अडूसा, खाबर (यह सिर्फ खादर में पाया जाता है), जामुन, अर्जुन, गूलर, महुआ, गुग्गल, बकैन, सफेद सिरस, ढाक, मिस्वाक, गम्हर समेत औषधीय गुण वाले तमाम पेड़ शामिल हैं।
इस प्रयोग की सफलता के बाद ही डीडीए ने यहां पर दो एकड़ जमीन में पार्क विकसित करने की अनुमति दी है। इस प्रायोगिक जंगल में छोटे, बड़े, लता वाले सभी तरह के पौधे लगाए गए थे। सभी सफलतापूर्वक बड़े हुए हैं। इस तरह इसमें बहुस्तरीय जंगल तैयार हो गया है। इसमें बड़े पेड़ों की पांच, सपोर्टिग कटेगरी की 13 व छोटे पौधों की 26 प्रजातियां लगाई गई थीं।
प्रकृति की पाठशाला साबित होगा यह पार्क
पदाधिकारी ने बताया कि इस पार्क में आकर लोग मनोरंजन व शुद्ध ताजा हवा के साथ ही प्रकृति व देशज पेड़-पौधों के बारे में ज्ञानवर्धक जानकारियां भी हासिल कर सकेंगे। इस पार्क का सबसे ज्यादा फायदा छात्र-छात्राओं को मिलेगा। वे इसमें स्कूल के साथ एजुकेशनल टूर भी कर सकेंगे। उनके लिए यह महज पार्क ही नहीं बल्कि प्रकृति की एक पाठशाला साबित होगा। पार्क को सुंदर व लोगों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए इसमें वॉकिंग ट्रैक, पत्थर की सुंदर बेंच, पत्थर की बड़ी कलाकृतियां लगाई जाएंगी और गजीबो भी बनाया जाएगा।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो