Move to Jagran APP

Lockdown में ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले शिक्षकों पर मेहरबान हुई सरकार, देने जा रही इतने रुपये

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने प्रोजेक्ट आनलाइन कक्षाओं में शामिल शिक्षकों को हर माह इंटरनेट खर्चे के लिए प्रतिमाह 200 रुपये देने को कहा है। निदेशालय के मुताबिक प्रोजक्ट आनलाइन कक्षाओं में कुल 273 शिक्षक शामिल हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 08:20 PM (IST)
प्रोजेक्ट आनलाइन कक्षाओं के 273 शिक्षकों को इंटरनेट खर्चे के लिए मिलेंगे 200 रुपये प्रतिमाह।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। ऑनलाइन कक्षाओं का खुद इंटरनेट खर्चा वहन कर रहे शिक्षकों का अब इंटरनेट खर्चे का वहन दिल्ली सरकार उठाएगी। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने प्रोजेक्ट आनलाइन कक्षाओं में शामिल शिक्षकों को हर माह इंटरनेट खर्चे के लिए प्रतिमाह 200 रुपये देने को कहा है। निदेशालय के मुताबिक प्रोजक्ट आनलाइन कक्षाओं में कुल 273 शिक्षक शामिल हैं। जो लाकडाउन के बाद से आनलाइन माध्यम से छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा कराने की तैयारी में जुट गए थे। ऐसे सभी शिक्षकों को अप्रैल 2020 से अब तक का प्रति माह के हिसाब से 200 रुपये इंटरनेट रिचार्ज के लिए दिए जाएंगे। इसके लिए संबंधित शिक्षक स्कूल प्रमुखों को अपने अनुरोध सौपेंगे जहां से वह वेतन ले रहे हैं।

loksabha election banner

गौरतलब है कि लाकडाउन के बाद से सभी स्कूल बंद हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के पाठ्यक्रम को पूरा कराने के लिए आनलाइन कक्षाओं की शुरूआत की थी। ये कक्षाएं प्रोजेक्ट आनलाइन क्लासेज से नाम से अप्रैल 2020 से चलाई जा रही थी। जिसमें कोर अकादमिक यूनिट के शिक्षक, प्राइमरी ब्रांच के शिक्षक, परामर्श शिक्षक और दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कुछ शिक्षक शामिल हैं। ये शिक्षक सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के पाठ्यक्रम के हिसाब से ऑनलाइन कक्षाएं लेते हैं और जिन छात्रों के पास मोबाइल फोन और लैपटाप की व्यवस्था नहीं होती है उनके लिए वर्कशीट तैयार करते हैं। इस दौरान ऑनलाइन सामग्री तैयार करने और ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए शिक्षक अपने खुद के खर्चे से इंटरनेट का खर्चा वहन कर रहे थे।

ये बहुत सराहनीय है कि सरकार प्रोजेक्ट आनलाइन क्लासेज के 273 शिक्षकों को इंटरनेट खर्चे का 200 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से दे रही है। लेकिन दिल्ली के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में बहुत से ऐसे अतिथि शिक्षक भी पढ़ाते हैं जिनका वेतन नियमित शिक्षक से बिल्कुल आधा है। लेकिन, तब भी यह अतिथि शिक्षक अपनी जेब से डाटा पैक रिचार्ज करवा कर छात्रों की आनलाइन कक्षाएं ले रहे थे। ये शिक्षक प्रोजेक्ट ऑनलाइन क्लासेज से इतर न सिर्फ ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे थे बल्कि कई छात्रों को अपने खर्चे से इस्तेमाल किया हुआ मोबाइल फोन खरीद कर दे रहे थे और कई छात्रों का डाटा पैक भी रिचार्ज करवा रहे थे। सरकार को इन अतिथि शिक्षकों की भी सुध लेनी चाहिए और इनको भी इंटरनेट का खर्चा देना चाहिए।

संत राम, जिला सचिव, पश्चिमी जोन, राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.