जेपी नड्डा की फॉर्च्यूनर चुराने वाला गिरोह देशभर में कर चुका 150 कार की चोरी, पुलिस रडार पर कई संदिग्ध
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की कार चोरी करने वाला गिरोह देश के अलग अलग राज्यों से 150 से ज्यादा कार चोरी कर चुका है। आरोपित एसयूवी कार चोरी करने में विशेष साफ्टवेयर का प्रयोग करते थे। यह पहले तो पेचकस से कार का शीशा तोड़कर अंदर घुसते थे। पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की कार चोरी करने वाला गिरोह देश के अलग अलग राज्यों से 150 से ज्यादा कार चोरी कर चुका है। यह आरोपित विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से कार चोरी कर उन्हें उत्तर-पूर्वी के राज्यों और उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में खपाते थे।
पुलिस की रडार पर गिरोह के कई और संदिग्ध भी आ गए हैं। इस मामले में पुलिस जल्द ही अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर सकती है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है। आरोपितों को जब पता चला कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष की कार चोरी की है तो वह उसे जल्द से जल्द ठिकाने लगाने में जुट गए। इसी डर से आरोपितों ने कार को वाराणसी में पार्किंग में खड़ा कर दिया था।
18 मार्च को नड्डा की कार हुई थी चोरी
18 मार्च की रात गोविंदपुरी से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की टोयोटा फॉर्च्यूनर कार चोरी हुई थी। यह कार उनकी पत्नी के नाम है। इस मामले में दक्षिणी-पूर्वी जिला पुलिस ने सरगना फरीदाबाद के बड़कल निवासी शाहिद मोटा, उसके दामाद चांदनहोला दिल्ली निवासी फारूक, शिवांश त्रिपाठी, रिसीवर सलीम और मोहम्मद रईस को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने भाजपा अध्यक्ष की कार को वाराणसी की बेनियाबाग पार्किंग से बरामद किया था। इसके अलावा आरोपितों से नोएडा से चोरी की गई एक क्रेटा कार भी बरामद की थी। पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए गहनता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस को पता चला है कि गिरोह ने 150 से ज्यादा लग्जरी कार चोरी की हैं। इन्हें उत्तर प्रदेश व उत्तर पूर्व के राज्यों में बेचा गया।
कई संदिग्धों को हिरासत में लिया
अब पुलिस पता लगा रही है केि इन कारों को किन लोगों को बेचा गया। साथ ही यह दिल्ली-एनसीआर में किस जगह से चोरी की गई। पुलिस को कुछ जगहों का पता भी चल गया है। गिरोह के शातिर देश के अलग अलग राज्यों में सक्रिय हैं। कई संदिग्ध पुलिस की रडार पर भी आ गए हैं। पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस जांच में पता चला कि गिरोह के आरोपितों पर कार चोरी से लेकर उसे बेचने, चेसिस नंबर व नंबर प्लेट बदलने, दूसरे राज्य में बेचने की अलग अलग जिम्मेदारी होती है। यह आन डिमांड अलग अलग राज्यों से कार चोरी करते थे। आरोपित एसयूवी कार चोरी करने में विशेष साफ्टवेयर का प्रयोग करते थे। यह पहले तो पेचकस से कार का शीशा तोड़कर अंदर घुसते थे।
विशेष सॉफ्टवेयर से चोरी करते थे कार
फिर टैब लगाकर सॉफ्टवेयर के माध्यम से कार का कंट्रोल ले लेते थे। इसके बाद कार को स्टार्ट कर फरार हो जाते थे। इसी तरह आरोपितों ने कई जगहों से कार चोरी की। पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने बताया कि अभी मामले की जांच जारी है। इस गिरोह ने 29 फरवरी को बरेली के बारादरी में भी तीन कार चोरी की थी। इस मामले में बरेली पुलिस ने शाहिद मोटा के दामाद फारुख को गिरफ्तार किया था।
फारूख ने बताया था कि वह अपने ससुर शाहिद मोटा गिराेह से जुड़ा है। गिरोह में नेक मोहम्मद, सैकुल अहमद खान, शिवांशु त्रिपाठी, सना व रजत वर्मा गिरोह के सक्रिय आरोपित हैं। गिरोह में फारुख की पत्नी सना भी शामिल है। वह चोरी का सारा हिसाब-किताब रखती है।
3 लाख में फार्च्यूनर कार बेचता है गिरोह
जांच में सामने आया कि आरोपित आन डिमांड कार चोरी करते थे। सबसे ज्यादा आरोपित आन डिमांड क्रेटा व फारच्यूर्नर कारों को चोरी करते थे। आरोपित एक में क्रेटा व तीन लाख में फार्च्यूनर कार बेचते थे। गिरोह में फाइनेंस कर्मी भी शामिल हैं, जो ऐसी गाड़ियों का ब्यौरा रखता है जिनका फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस होता है। इससे मूल मालिक गाड़ी चोरी होने के बाद क्लेम की ओर ध्यान लगाए, गाड़ी के लिए नहीं।