Bharat Mandapam: भारत मंडपम में आधुनिकता के साथ ऐतिहासिक विरासत का संगम, जानिए कौन सी चीजें इसे बनाती हैं खास
जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के दौरान आकर्षण का केंद्र रहे भारत मंडपम (Bharat Mandapam) की विशेषताएं सामने आ रही हैं। केंद्र सरकार ने अब भारत मंडपम की सुरक्षा और सुविधाओं को सामने रखा है जिसमें भारत मंडपम की आधुनिकता से लेकर भव्यता और भारत की खासियत को दर्शाया गया है। भारत मंडपम का एल-2 वह स्थल हैं जहां जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के दौरान आकर्षण का केंद्र रहे भारत मंडपम (Bharat Mandapam) की विशेषताएं सामने आ रही हैं। केंद्र सरकार ने अब भारत मंडपम की सुरक्षा और सुविधाओं को सामने रखा है, जिसमें भारत मंडपम की आधुनिकता से लेकर भव्यता और भारत की खासियत को दर्शाया गया है।
भारत मंडपम का एल-2 वह स्थल हैं, जहां जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ तो वहीं एल-3 में राष्ट्रपति की ओर से रात्रिभोज दिया गया। एल-2 पर सांस्कृतिक गलियारा भी है।
प्रदर्शनी है खास
सांस्कृतिक गलियारे में प्रदर्शनी जी-20 सदस्य देशों और नौ आमंत्रित देशों की साझा विरासत का प्रतिनिधित्व करती है। इसमें भारत की छठी शताब्दी ईसा पूर्व में प्रसिद्ध व्याकरणविद पाणिनि की ओर से रचित अष्टाध्यायी की एक पांडुलिपि, वैदिक ध्वन्यात्मकता और व्याकरण के विज्ञान को दर्शाती है।
कई देशों से संबंधित वस्तुएं मौजूद
संयुक्त राज्य अमेरिका की सैनफोर्ड बिगर्स की 'टायरनी आफ मिरर्स' पेंटिंग अंडरग्राउंड रेलमार्ग पर रजाई के महत्व और लोगों को स्वतंत्रता के लिए मार्गदर्शन करने में उनकी भूमिका को प्रदर्शित करती है। इसी प्रकार बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा लगाई गई है।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त
अन्य जी-20 देशों की पहचान की चीजें लगाई गई हैं। वहीं, जी-20 शिखर सम्मेलन कक्ष का आकर्षक झूमर इसे खास बनाता है। यह कक्ष सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं। साथ ही इसमें भदोही और कश्मीरी कालीन भी इसमें चार चांद लगा रही थी।
मेहमानों के ऑफिस और आराम के लिए कमरे
हाल नंबर-14 में खास व्यवस्था मेहमानों के लिए थी। इसमें जी-20 के सदस्य, आमंत्रित देशों के राष्ट्राध्यक्ष व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के लिए मिनी ऑफिस भी दिए गए थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत अन्य राष्ट्राध्यक्षों ने आकर यहां पर चर्चा व आराम किया।
ये कमरे भी सभी सुविधाओं से युक्त थे। यहां पर आराम करने के लिए अलग कमरा था तो वहीं मीटिंग करने के लिए भी कमरे थे। इतना ही नहीं, कंप्यूटर समेत विभिन्न उपकरण उपयोग करने के लिए वर्किंग स्टेशन भी बनाए गए थे।
जैविक हमलों से बचाव के भी थे प्रबंध
सुरक्षा की दृष्टि से एजेंसियों ने हर स्तर पर तैयारी की थी। जैविक हमलों से बचाव के इंतजाम भी किए गए थे। इसमें एयरपोर्ट से लेकर भारत मंडपम, राजघाट और पूसा में डीआरडीओ की ओर से बनाए गए बायो डिटेक्टर का उपयोग किया जा रहा था।
डीआरडीओ के एक विज्ञानी ने बताया कि वह एक माह से इन स्थानों पर इसकी निगरानी कर रहे थे। आयोजन से पूर्व चारों स्थलों पर बायो डिटेक्टर के माध्यम से जीवाणु हमलों से बचाव की निगरानी की जा रही थी।