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    आखिर क्या है देश के सर्वाधिक चर्चित महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का दीपक त्यागी से कनेक्शन

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Tue, 05 Apr 2022 09:43 AM (IST)

    Yeti Narasimhananda Saraswati यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत हैं। इसके अलावा नरसिंहानंद सरस्वती अपने बयानों में ज्यादातर एक खास समुदाय को ही निशाना बनाते रहते हैं। उन पर कई मामले भी दर्ज हैं।

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    आखिर क्या है यति नरसिंहानंद सरस्वती का दीपक त्यागी से कनेक्शन

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बाहरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में आयोजित हिंदू महापंचायत में अपने विवादित और भड़काऊ भाषण के चलते स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर चर्चा में हैं। उन पर दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। इससे पहले हरिद्वार पुलिस इस हिंदूवादी नेता यति नरसिंहानंद को महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार भी कर चुकी है। आइये जानते हैं कि कौन है यति नरसिंहानंद सरस्वती, जो हमेशा रहते हैं विवादों में।

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    गुरु ने अपनाया तो बन गए  'जूना अखाड़े' के महामंडलेश्वर

    अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत हैं। वह फिलहाल हिंदू संतों के सबसे बड़े संप्रदाय 'जूना अखाड़े' के महामंडलेश्वर हैं। कुछ महीने पहले ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महासचिव और जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरी ने यति नरसिंहानंद सरस्वती को अपना शिष्य स्वीकार किया। इसके बाद  यति नरसिंहानंद महामंडलेश्वर बनाए गए। इसके बाद फिलहाल ये अपने विवादित बयानों की वजह से देशभर में चर्चा में हैं।

    दीपक त्यागी कैसे यति नरसिंहानंद?

    बताया जाता है कि डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी है। इसके साथ ही वह मूलरूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं। गुरु से दीक्षा लेने के बाद उन्हें नया नाम मिल यति नरसिंहानंद, इसके बाद न तो कोई दीपक त्यागी के नाम से बुलाता है और न ही वह खुद इसकी चर्चा पसंद करते हैं। 

    हापुड़ से कालेज से की है पढ़ाई

    बतौर दीपक त्यागी (यति नरसिंहानंद सरस्वती) ने हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कालेज से अपनी पढ़ाई की है। उनके मुताबिक, उन्होंने वर्ष 1989 में केमिकल टेक्नोलाजी की डिग्री हासिल करने के लिए मास्को (रूस) का रुख किया था। नरसिंहानंद के अनुसार, वर्ष 1994 में डिग्री हासिल करने के बाद 1997 में स्वदेश लौट आए। वहीं, इससे पहले यानी डिग्री लेने के साथ ही वह मास्को में ही बतौर इंजीनियर अपनी सेवाएं देते रहे। कुछ महीने नौकरी करने के बाद वर्ष 1997 में मां के बीमार पड़ने के कारण नरसिंहानंद गाजियाबाद लौट आए।

    एक नेता से मुलाकात ने बदल दी जिंदगी

    नरसिंहानंद के बारे में कहा जाता है कि वर्ष 1998 में उनकी मुलाकात भाजपा नेता बीएल शर्मा से हुई, जिसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि जीवन पूरी तरह बदल गया। इसके बाद उन्होंने संन्यास लिया और फिर दीपक त्यागी से बदलकर अपना दीपेंद्र नारायण सिंह रखा। कुछ समय बाद उन्हें यति नरसिंहानंद सरस्वती के नाम से जाना लगा। 

    एक खास समुदाय को निशाना बनाते हैं नरसिंहानंद

    नरसिंहानंद सरस्वती अपने बयानों में ज्यादातर एक खास समुदाय को ही निशाना बनाते रहे हैं। इसके लिए उन पर कई मामले भी दर्ज हो चुके हैं, जिनकी जांच जारी है। दरअसल, सेव इंडिया फाउंडेशन ने बिना पुलिस की अनुमति के ही रविवार को बुराड़ी मैदान में हिंदू महापंचायत का आयोजन किया था। इस मामले में मुखर्जी नगर थाने में चार मामले दर्ज किए गए हैं। ये चारों मामले भड़काऊ भाषण देने, बिना अनुमति के आयोजन करने, पत्रकारों के साथ मारपीट, छेड़खानी और इंटरनेट मीडिया पर गलत सूचना प्रसारित करने को लेकर दर्ज किए गए हैं। पुलिस चारों मामले की जांच कर रही है। उत्तर पश्चिमी जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि आयोजक संस्था के अध्यक्ष प्रीत सिंह ने बुराड़ी मैदान में कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी, लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण की स्वीकृति का पत्र नहीं था। ऐसे में कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई थी। अनुमति नहीं मिलने के बाद भी रविवार को प्रीत सिंह अपने समर्थकों के साथ हिंदू महापंचायत के लिए पहुंच गए। महापंचायत में वक्ताओं ने दो समुदायों के बीच विद्वेष भड़काने वाले भाषण देने शुरू कर दिए। इस बाबत डीसीपी ने बताया कि इसमें यति नरसिंहानंद सरस्वती व सुदर्शन न्यूज के सुरेश चव्हाणके शामिल हैं। ऐसे में बिना अनुमति के आयोजन करने और भड़काऊ भाषण देने की धारा में मामला दर्ज किया गया है। वहीं, दूसरी ओर पोर्टल न्यूज के दो पत्रकारों ने शिकायत दी, जिसमें भीड़ पर नाम पूछकर मारपीट करने का आरोप लगाया। हालांकि, उन्होंने मेडिकल जांच से मना कर दिया। उनकी शिकायत पर मारपीट की धारा में मामला दर्ज किया गया। एक महिला पत्रकार ने भी दुर्व्यहार की शिकायत दी, मामला दर्ज किया गया।